द लीडर : ऑल्ट न्यूज़ के को-फाउंडर और पत्रकार मुहम्मद ज़ुबैर को सुप्रीमकोर्ट से अंतरिम ज़मानत मिल गई है. हालांकि ज़ुबैर जेल से बाहर फिर नहीं आ सकेंगे…क्योंकि ये पांच दिन की अंतरिम ज़मानत उन्हें सीतापुर केस में मिली है. इस बीच वह दिल्ली पुलिस की हिरासत में रहेंगे. सुप्रीमकोर्ट ने ज़ुबैर को शर्तों के साथ 5 दिन की ज़मानत देते हुए कहा कि इस दौरान वह कोई ट्वीट नहीं करेंगे. और न ही दिल्ली परिक्षेत्र से बाहर जाएंगे. चूंकि वह पहले से ही पुलिस की हिरासत में हैं तो बाहर जाने या ट्वीट करने का वैसे भी कोई सवाल पैदा नहीं होता है. (Alt News Mohammad Zubair)
ज़ुबैर की तरफ से सुप्रीमकोर्ट में सीनियर एडवोकेट कोलिन गोंजाल्विस ने ज़ुबैर की जान को ख़तरे की आशंका जताते हुए सुप्रीमकोर्ट में ज़मानत की अर्जी लगाई थी. गोंजाल्विस ने ज़ुबैर के ट्वीट का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने कुछ ग़लत नहीं किया है.
कोर्ट को बताया कि ज़ुबैर की अरेस्टिंग बेंगलुरू से फोन ज़ब्त करने को लेकर की गई है, जबकि उन्होंने ख़ुद ही स्वीकार किया है कि ट्वीट हमने ही किए थे. तो तो ज़ब्त करने का सवाल ही नहीं उठना चाहिए. गोंजाल्विस ने कहा कि नफ़रत फैलाने वाले आज़ाद घूम रहे हैं, जबकि उसे उजागर करने वाले जेल में हैं.
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दिल्ली पुलिस ने ज़ुबैर को 2018 के एक ट्वीट के मामले में गिरफ़्तार किया गया था, जो अस्सी के दशक में आई एक फ़िल्म का स्क्रीनशॉट था. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इसे ज़ुबैर के ख़िलाफ सीतापुर के खैराबाद में एक केस दर्ज हुआ था.
इस बात को लेकर कि एक ट्वीट में उन्होंने महंत बजरंग मुनि को हेट मोंगर कहकर संबोधित किया था. इस मामले में गुरुवार को ज़ुबैर सीतापुर कोर्ट में पेश हुए, जहां कोर्ट ने उन्हें 7 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था. इस पर ज़ुबैर सुप्रीमकोर्ट गए, जहां अपनी जान को ख़तरा जताया. तो सुप्रीमकोर्ट ने उन्हें सीतापुर मामले में 5 दिन की अंतरिम ज़मानत दे दी है. (Alt News Mohammad Zubair)
आपको बता दें कि ज़ुबैर ने पैग़ंबर साहब पर भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के उस नफ़रती बयान को सामने लाए थे, जिसमें उन्होंने पैग़ंबर साहब पर टिप्पणी की थी. और ये मुद्दा-देश दुनिया में सरकार की मुसीबत का सबब बना था. मुस्लिम देशों ने भारत सरकार के समक्ष पैग़ंबर साहब के अपमान को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया था.
https://www.youtube.com/watch?v=jJwXEi4hkCc
अब जब जुबैर जेल में हैं तो उनकी इस गिरफ़्तारी को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है और ये मुद्दो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना है. यहां तक कि दो दिन पहले ही जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने ज़ुबैर मामले को लेकर भारत में प्रेस की आज़ादी के संबंध में यूरोपिय यूनियन के साथ बातचीत की बात कही थी. और प्रेस की आज़ादी को लेकर चिंता ज़ाहिर की थी.
अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान ज़ुबैर और भारत में प्रेस की आज़ादी, अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की ख़बरों को प्रमुखता से कवर रह रहे हैं. जिससे भारत की छवि को वैश्विक स्तर पर लगातार नुकसान पहुंचने के तौर पर देखा जा रहा है. (Alt News Mohammad Zubair)