द लीडर : नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (NRC) को लेकर अलीगढ़ में एक प्रोटेस्ट में दिए, जिस भाषण को लेकर, डॉ. कफील खान को करीब 8 महीने जेल में गुजारने पड़े. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ के स्थानीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) द्वारा डॉ. कफील के खिलाफ पारित, वो आरोप पत्र खारिज कर दिया है. जिसमें कफील पर भड़काफ भाषण का आरोप था. (High Court Kafeel Khan)
दिसंबर 2019 में, जब सीएए-एनआरसी को लेकर देशभर में विरोध-प्रदर्शन चल रहा था. उसी वक्त अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में एक एंटी-सीएए प्रोग्राम में डॉ. कफील खान शामिल हुए. जहां उन्होंने एक भाषण दिया था. कफील के इसी भाषण को भड़काऊ मानकर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई.
और इसी मामले में एटीएस ने 29 जनवरी 2020 को डॉ. कफील को महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से डॉ. कफील को जमानत मिल गई. लेकिन उन्हें रिहा नहीं किया गया, बल्कि रासुका (नेशनल सिक्योरिटी एक्ट) लगा दी. इसमें उन्हें करीब साढ़े सात महीने तक जेल में रहना पड़ा. 1 सितंबर 2020 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ. कफील को एनएसए मामले में फौरन रिहा किए जाने का आदेश जारी किया था.
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इसी मामले लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी, जिसमें कफील के खिलाफ लगे आरोपों को निरस्त कर दिया गया है. डॉ. कफील हाईकोर्ट के फैसले पर बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा, जिस स्पीच को भड़काऊ बताकर मुझ पर एफआइआर की गई थी. और जब अदालत से जमानत मिल गई. तो रासुका लगाकर साढ़े सात महीने जेल में रखा गया. जबकि इसी भाषण पर हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट ने कहा था कि ये स्पीच देश तोड़ने वाली नहीं बल्कि जोड़ने वाली है. प्यार-मुहब्बत की बात है. (High Court Kafeel Khan)
कफील ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि जिन लोगों को अली और बली में बांटों, कब्रिस्तान और श्मशान में बांटो. इंसान को इंसान में बांंटो, जाति-धर्म के नाम पर, जो नफरत और हिंसा की राजनीति पर विश्वास करते हैं. उनको मेरा प्यार और भाईचारे के संदेश का भाषण भी नफरत वाला लगा. मैं अदालत का बेहद शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने इतना अच्छा फैसला दिया है.
अदालत ने कहा कि डॉ. कफील के अलीगढ़ भाषण को लेकर जो आपराधिक कार्यवाही है और चार्जशीट, उसको समाप्त किया जा रहा है. कफील ने कहा कि जब आपने कुछ गलत नहीं किया है तो खुद पर भरोसा रखना चाहिए. 31 अगस्त को मेरे निलंबन पर फैसला होना है. उम्मीद है कि न्याय मिलेगा. (High Court Kafeel Khan)
डॉॅ. कफील 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में गैस की किल्लत से बच्चों की मौत मामले से चर्चा में आए थे. तब से ही निलंबित चल रहे हैं.