आइसीएसई बोर्ड की किताब में पैगंबर-ए-इस्लाम का कार्टून छापने पर गुस्से में पर्सनल लॉ बोर्ड

0
771
Muslim Personal Law Board
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों का फाइल फोटो.

द लीडर : इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (ICSE)बोर्ड की इस हरकत को लेकर आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPB) ख़फ़ा हो गया है. सरकार से मांग की है कि सातवीं कक्षा के कोर्स की किताब में पैगंबर-ए-इस्लाम और जिब्राइल अलैहिस्सलाम का कार्टून छापने के लिए लेखक और प्रकाशक पर आपराधिक कार्रवाई की जाए. इसलिए क्योंकि इससे बड़ी आबादी की भावनाएं आहत हो रही हैं. बोर्ड की तरफ से किताब की सभी प्रतियां ज़ब्त करने की मांग भी उठाई गई है. (Muslim Personal Law Board)

इस मामले में पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ़ से जनरल सेक्रेट्री (महासचिव) मौलाना ख़ालिद सैफउल्ला रहमानी की तरफ़ से बयान जारी किया गया है. उन्होंने कहा है कि हर मुसलमान अपने नबी को अपने माल-ओ-जान, मां-बाप और औलाद से ज़्यादा अज़ीज़ रखता है.

आपकी शान में अदना दर्जा की गुस्ताख़ी को बर्दाश्त नहीं कर सकता. पैगंबर-ए-इस्लाम की ख़्याली तस्वीर या कार्टून बनाना भी गुस्ताख़ी में शामिल है. हुकूमतच को चाहिए कि फौरन किताब पर पाबंदी लगाकर, ऐसा करने वालों के ख़िलाफ़ क़ानूनी होना चाहिए. (Muslim Personal Law Board)

जनरल सेक्रेट्री ने अपने बयान में याद दिलाया है कि बोर्ड के कानपुर के 27वें सम्मलेन में हुकूमत से मांग भी कि गई थी कि, मज़हब की मुक़द्दस शख़्सियतों पर चोट पहुंचाने से रोकने के लिए क़ानून बनाए और उसे सख़्ती के साथ लागू कराए. सम्मेलन में यह भी साफ़ किया गया था कि बोर्ड इस तरह की हरकतों को अपराध तस्लीम करता है. इसलिए क्योंकि इससे अवाम की एक बड़ी आबादी की भावनाओं को ठेंस पहुंचती है. उनका दिल दुखता है. (Muslim Personal Law Board)

विभिन्न बोर्ड की किताबों में इस्लाम, मुसलमान या पैगंबर-ए-इस्लाम को लेकर किताबों में प्रकाशित सामग्री पर विवाद का ये कोई पहला मसला नहीं है. इससे पहले राजस्थान बोर्ड और कुछ अन्य बोर्ड की किताबों को लेकर भी विवाद पैदा होता रहा है. और मुस्लिम समुदाय के कड़े विरोध के चलते प्रकाशकों को वो सामग्री हटानी पड़ी है.

 

(आप हमें फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here