CBI के बुलावे पर आज दिल्ली नहीं जाएंगे अखिलेश यादव,कहा-अधिकारी लखनऊ आ जाएं

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द लीडर हिंदी : लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार विपक्ष को हर तरह से घेरनी की कोशिश कर रही है. दिल्ली में `आप’ के केजरीवाल, झारखंड में हेमंत सोरेन, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के बाद अब उत्तर प्रदेश के सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भी सीबीआई भेजी गई है.बता दें उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने CBI द्वारा भेजे गए समन को दरकिनार कर दिया है. अखिलेश यादव आज दिल्ली नहीं जाएंगे.

बता दें अखिलेश यादव को आज गुरूवार (29 फरवरी) को सीबीआई के सामने पेश होना था लेकिन वो नहीं पेश होंगे. केंद्रीय एजेंसी ने खनन घोटाला मामले में अखिलेश यादव को तलब किया था. अखिलेश यादव का कहना है कि मैं जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हूं लेकिन अधिकारी लखनऊ आ जाएं. यह बात उन्होंने दिल्ली न जाने के बाद कही है.आपको बता दें कि सीबीआई ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को बतौर गवाह बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा था.

अखिलेश यादव को आज ही दिल्ली आकर अपना बयान दर्ज कराना था, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सपा प्रमुख आज सीबीआई के सामने पेश नहीं होंगे.CBI समन पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ये नोटिस ठीक चुनाव से पहले भेजा गया है. 2019 की एफआईआर पर 5 साल से कोई जानकारी मांगी गई, लेकिन मैं जांच में सहयोग करूँगा. लेकिन ये लखनऊ में हो, इस समय दिल्ली जाने में असमर्थ हूँ.

अखिलेश यादव को CBIने अवैध खनन मामले में किया था तलब
मिली जानकारी के अनुसार केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मामला दर्ज करने के 5 साल बाद अवैध खनन मामले में अखिलेश यादव को बृहस्पतिवार को पूछताछ के लिए एक गवाह के रूप में बुलाया है. अधिकारियों ने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 160 के तहत जारी नोटिस में एजेंसी ने उन्हें 2019 में दर्ज मामले के संबंध में 29 फरवरी को पेश होने के लिए कहा था.वही इस धारा के तहत पुलिस अधिकारी को जांच में गवाहों को बुलाने की अनुमति होती है. मामला ई-निविदा प्रक्रिया का कथित उल्लंघन कर खनन पट्टे जारी करने से संबंधित है.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जांच के दिए थे आदेश
बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे. आरोप है कि 2012-16 के दौरान, जब यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तो लोकसेवकों ने अवैध खनन की अनुमति दी और खनन पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद अवैध रूप से लाइसेंस का नवीनीकरण किया. यह भी आरोप है कि अधिकारियों ने खनिजों की चोरी होने दी, पट्टाधारकों और चालकों से पैसे वसूले। खनिजों के अवैध खनन के मामले की जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई ने 2016 में सात प्रारंभिक मामले दर्ज किए थे. अब सवाल ये उठ रहा है आखिर लोकसभा चुनाव से पहले ही क्यो ये समन जारी किया जा रहा है.

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