द लीडर : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव 2022 के लिए शंखनाद कर दिया है.
उन्होंने गुरुवार को ट्वीट करते हुए कहा कि आज 22 है… ‘बाइस में बाइसिकल’ की ओर बस 6 महीने और… आज से भाजपा की संवेदनहीन सरकार की उल्टी गिनती शुरू.
बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव बुधवार को क्रांति रथ में सवार होकर उन्नाव पहुंचे थे और वहां से आगामी चुनाव की तैयारियों का आगाज किया था.
आज 22 है… ‘बाइस में बाइसिकल’ की ओर बस 6 महीने और… आज से भाजपा की संवेदनहीन सरकार की उल्टी गिनती शुरू।#बाइस_में_बाइसिकल pic.twitter.com/j7sJai5HyO
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 22, 2021
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में करीब 6 महीने का समय रह गया है. समाजवादी पार्टी ने इसे लेकर अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने क्रांति रथ से उन्नाव पहुंचकर इसका आगाज कर दिया है.
उन्होंने उन्नाव के मनोहर लाल इंटर कालेज में स्थापित निषाद समाज के नेता और पूर्व पशुधन मंत्री स्व. मनोहर लाल की प्रतिमा का अनावरण किया और कहा कि स्व. मनोहर लाल ने निषाद समाज के हक के लिए जो संघर्ष शुरू किया गया था, हम सब उसकी पतवार थामते रहे हैं और आगे भी संकल्प के साथ थामते रहेंगे.
इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि सपा बड़े दलों से गठबंधन नहीं करेगी. समाजवादी पार्टी छोटे राजनीतिक दलों को साथ लेकर चलेगी. जो राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी को हराना चाहते हैं उनके लिए सपा के दरवाजे गठबंधन के लिए खुले हैं.
उन्होंने दावा किया कि समाजवादी पार्टी छोटे दलों के साथ गठबंधन करके आगामी विधानसभा चुनाव में 350 से पार सीटें जीतेगी.
अखिलेश यादव का क्रांति रथ पहुंचा उन्नाव, विधानसभा चुनाव के लिए भरी हुंकार बोले- सपा जीतेगी 350 के पार सीटें
2011 में भी उन्नाव से किया था आगाज
समाजवादी पार्टी ने साल 2011 में उन्नाव से ही क्रांति रथ यात्रा द्वारा अपने चुनाव प्रचार की शुरूआत की थी. तीन दिवसीय कार्यक्रम से चुनावी बिगुल फूंका था. जिसके परिणामस्वरूप विधानसभा चुनाव 2012 में समाजवादी पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता तक पहुंचने में कामयाब रही थी.
क्रांति रथ से पहुंचे अखिलेश
2022 के विधानसभा चुनाव से पहले भी अखिलेश यादव ने उन्नाव से ही शंखनाद कर दिया है. उनके उन्नाव आगमन ने कार्यकर्ताओं व समर्थकों में नई ऊर्जा भरने का काम किया. क्रांति रथ के सीमा में प्रवेश करते ही उनका जोरदार स्वागत किया गया.