द लीडर। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने चाचा और जसवंतनगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव को विधानसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त कर दिया है। शिवपाल सिंह की पार्टी पीएसपी ने एसपी के साथ चुनाव में गठबंधन किया था और वह एसपी के सिंबल पर ही चुनाव लड़े थे और जीतने में कामयाब रहे। वहीं शिवपाल और अखिलेश यादव में रिश्ते भी नरम हुए हैं। जिसके बाद अब सदन में शिवपाल सिंह यादव को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। अब विधानसभा में शिवपाल यादव नेता प्रतिपक्ष होंगे।
शिवपाल सिंह यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाया
जी हां उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बाद सबसे बड़े दल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ा खेल खेला है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर इटावा के जसवंतनगर से विधायक निर्वाचित प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाया है।
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प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को उत्तर प्रदेश विधानसभा में अब नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में रहेंगे।
अखिलेश यादव ने 21 मार्च को बुलाई बैठक
पहले यह पद राम गोविंद चौधरी के पास था, लेकिन बलिया के बांसडीह से चुनाव हारने के बाद वह इस दौड़ से बाहर हो गए हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 21 मार्च को लखनऊ में पार्टी के सभी निर्वाचित विधायकों की बैठक भी बुलाई है। सभी विधायकों को पार्टी कार्यालय में बुलाया गया है, जहां पर अखिलेश यादव सुबह 11 बजे से उनसे भेंट भी करेंगे।
करहल से चुनाव जीतने के बाद अब विधानसभा सदस्य के पद से इस्तीफा देंगे अखिलेश
अखिलेश यादव ने अपने इस कदम से यह संकेत भी दे दिया है कि वह मैनपुरी के करहल से चुनाव जीतने के बाद अब विधानसभा सदस्य के पद से इस्तीफा दे देंगे। वह आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी से सांसद हैं। जहां से सपा को बड़ी सफलता मिली है। पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है।
आजम खां भी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे
इसके साथ ही अखिलेश यादव का फोकस 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी है। माना जा रहा है कि सीतापुर की जेल मे बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां भी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे। आजम खां रामपुर से सांसद हैं।
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