रिकॉर्ड मतों से जीतने के बावजूद करहल से इस्तीफा दे सकते हैं अखिलेश, यह है वजह

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द लीडर | सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव करहल से इस्तीफा दे सकते हैं। ऐसे में यहां उपचुनाव कराए जाने की संभावना है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि आजमगढ़ में सर्वाधिक 10 सीटें मिलने से यहां से वह जुड़े रहेंगे। वहीं आजम खां भी अपनी सीट छोड़ सकते हैं। संसद में सपा के पांच सांसद हैं। इसमें मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव, आजमगढ़ से अखिलेश यादव, रामपुर से आजम खां, मुरादाबाद से एसटी हसन, संभल से शफीकुर रहमान बर्क सांसद हैं।

सपा को मैनपुरी जिले की चार में दो, संभल की चार में तीन, रामपुर में पांच में तीन, मुरादाबाद की छह में पांच सीटें मिली हैं। जबकि आजमगढ़ जिले की सभी 10 विधानसभा सीटें सपा के खाते में आई हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सपा अध्यक्ष आजमगढ़ से संसद सदस्य के रूप में जुड़े रहेंगे। अगला चुनाव लोकसभा का है। ऐसे में वह लोकसभा सदस्य के रूप में सदन में अपनी उपस्थिति बनाए रखेंगे। सपा सूत्रों का कहना है कि वह करहल की सीट छोड़ सकते हैं। हालांकि अभी तक इस संबंध में अधिकृत घोषणा नहीं हुई है।


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करहल से अखिलेश के लड़ने का सपा को मिला फायदा

अखिलेश यादव इस बार करहल से विधानसभा चुनाव लड़े थे। यहां जनता ने उन्हें रिकॉर्ड मार्जिन से जिताया है। करहल में हालांकि यादव बिरादरी ज्यादा होने की वजह से अखिलेश को यहां से जीतने में उनके सामने कोई कठिनाई नहीं आई। बीजेपी ने अखिलेश को करहल में घेरने की कोशिश की और केंद्रीय मंत्री एसपपी बघेल को मैदान में उतार दिया। लड़ाई यहां पर हाईप्रोफाइल जरूर हो गई लेकिन अखिलेश की जीत एकतरफा रही थी। अखिलेश के लड़ने की वजह से सपा ने यादवलैंड में अच्छा प्रदर्शन किया है। अब अखिलेश के लिए ये फैसला लेना भारी पड़ेगा कि वो करहल से इस्तीफा दें या नहीं।

आजमगढ़ में सपा ने सभी 10 सीटें जीतीं

आजमगढ़ को सपा का गढ़ कहा जाता है। हालांकि अखिलेश यादव यहां से सांसद भी हैं लिहाजा से आजमगढ़ से उनका जुड़ाव बना हुआ है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यदि अखिलेश आजमगढ़ से इस्तीफा देंगे तो यहां समय से पहले उपचुनाव कराना पड़ेगा जो सपा कभी नहीं चाहेगी। आजमगढ़ में बीजेपी पहले ही अखिलेश और सपा की घेरेबंदी में जुटी हुई है। इस चीज को अखिलेश भी अच्छे से जानते हैं। अखिलेश को पता है कि करहल में उपचुनाव कराकर सपा को जिताना आसान है लेकिन आजमगढ़ में बीजेपी अखिलेश को हराने के लिए बड़ा दांव खेल सकती है। सपा के सूत्र भी बताते हैं कि अखिलेश अभी आजमगढ़ से सांसद बने रहेंगे और करहल से इस्तीफा दे सकते हैं। आजमगढ़ में इस बार सपा सभी दस सीटें जीत चुकी है।

66,247 वोटों से करहल सीट जीते थे अखिलेश

यूपी हॉट सीट करहल से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक तरफा जीत दर्ज की थी। अखिलेश यादव इस सीट से 66247 मतों से जीते थे। अखिलेश ने अपने प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी एसपी बघेल को करारी शिकस्त दी थी। अखिलेश को इस सीट पर 148196 वोट मिले थे जबकि एसपी बघेल को 80692 और बसपा के कुलदीप नरायन को 15701 वोट मिले थे। बता दें कि करहल में तीसरे चरण में 20 फरवरी को मतदान पड़े थे। करहल के कुल 371261 मतदाताओं में से 245071 मतदाताओं ने वोट डाल दिए थे।

भाजपा की सीटों को घटाया जा सकता है

बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की शानदार जीत के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट में लिखा था कि मैं उन लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने पार्टी के वोट प्रतिशत और सीटों को बढ़ाया है। साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने दिखा दिया है कि भाजपा की सीटों को घटाया जा सकता है।

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