AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, याचिका दायर कर CAA पर रोक लगाने की मांग की

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द लीडर हिंदी : देश में जहां चुनावी महाकुंभ का आगाज होने वाले है. वही दूसरी तरफ सीएए पर घमासान जारी है.सीएए के खिलाफ दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने बयानों के जरिये विरोध किया.तो वही नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) के मुद्दे पर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने NRC का भी मुद्दा उठाया है.

बता दें AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), 2019 और नियम, 2024 के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए कहा कि, कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान नागरिकता अधिनियम, 1955 (क्योंकि यह नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 द्वारा संशोधित है) की धारा 6 बी के तहत नागरिकता का दर्जा देने की मांग करने वाले किसी भी आवेदन पर सरकार द्वारा विचार या कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. पिछले दिनों गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की थी जिसके बाद CAA पूरे देश में लागू हो गया है.जिसको लेकर ओवैसी अदालत में याचिका दायर करके मांग की है कि सीएए के लागू करने पर तत्काल रोक लगाई जाए.याचिका में ओवैसी ने नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने पर रोक लगाने की मांग की है. ओवैसी ने याचिका में मांग की है कि सीएए कानून के तहत किसी को भी नागरिकता न दी जाए.

बता दें ओवैसी ने CAA पर आपत्ति जताते हुए ये आरोप लगाया कि सीएए से उत्पन्न बुराई केवल नागरिकता प्रदान करने को कम करने में से एक नहीं है, बल्कि नागरिकता से इनकार करने के परिणामस्वरूप उनके खिलाफ चुनिंदा कार्रवाई करने के लिए एक अल्पसंख्यक समुदाय को अलग-थलग करना है. उन्होंने कोर्ट से अपील की है कि निर्देश जारी करें कि इन कार्यवाहियों के लंबित रहने के दौरान, किसी भी व्यक्ति को नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 2(1)(बी) के प्रावधानों का सहारा लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि यह नागरिकता द्वारा संशोधित है.

इसके साथ हीं ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने NRC का मुद्दा भी उठाया है. उन्होंने अदालत में याचिका दायर करके अपील की है कि CAA के कार्यान्वयन पर तत्काल रोक लगाई जाए. AIMIM चीफ ने कोर्ट से कहा कि CAA के बाद देश में NRC को लागू करने की भी बात चल रही है. ओवैसी ने इन दोनों (CAA और NRC) को ‘अपवित्र गठजोड़’ बताया है. उन्होंने आरोप लगाया कि NRC के जरिए भारतीय मुसलमानों को निशाना बनाए जाने की योजना है.

यही नहीं ओवैसी ने आरोप लगाया कि सीएए द्वारा उत्पन्न बुराई केवल नागरिकता प्रदान करने को कम करने में से एक नहीं है, बल्कि नागरिकता से इनकार करने के परिणामस्वरूप उनके खिलाफ चुनिंदा कार्रवाई करने के लिए एक अल्पसंख्यक समुदाय को अलग-थलग करना है.

सीएए को अधिसूचित किये जाने के बाद ओवैसी ने कहा था कि धर्म के आधार पर कोई कानून नहीं बनाया जा सकता और इसपर सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णय भी हैं. उन्‍होंने कहा, “…यह समानता के अधिकार के खिलाफ है. आप प्रत्येक धर्म के लोगों को (नागरिकता की) अनुमति दे रहे हैं, लेकिन इस्लाम धर्म के लोगों को यह नहीं दे रहे हैं.

जानिए असदुद्दीन ओवैसी ने याचिका में क्या कहा?

जैसा के सभी जानते है देश में लाख विरोध होने के बाद भी मौजूदा सरकार ने सीएए लागू कर दिया. जिसके बाद बयानबाजी का दौर जारी है.जिसको लेकर एआईएमआईएम चीफ ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सीएए के बाद देश में एनआरसी आ रहा है और इसका सीएए के साथ संबध है.

ओवैसी ने कहा है कि एनआरसी के जरिए भारतीय मुसलमानों को निशाना बनाने की केंद्र सरकार की योजना है. औवेसी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सीएए की वजह से पनपने वाली दिक्कतें केवल अल्पसंख्यक वर्ग को नागरिकता लेने से दूर करने वाली नहीं है बल्कि नागरिकता देने से इनकार करने के परिणामस्वरूप उनके खिलाफ चुनिंदा कार्रवाई करने के लिए एक अल्पसंख्यक समुदाय को अलग-थलग करना भी है.

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