द लीडर हिंदी, लखनऊ | मोदी सरकार की नई कैबिनेट की पहली बैठक में सरकारी मंडियों को मज़बूत करने के लिए एक अहम फ़ैसला किया गया.
सरकार ने एपीएमसी एक्ट यानि कृषि उत्पाद बाज़ार समिति क़ानून के तहत स्थापित सभी सरकारी मंडियों को भी एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का इस्तेमाल करने की इजाज़त दे दी है.
एक लाख करोड़ रुपए के इस फंड का गठन पिछले साल 15 मई को कोरोना के पहले चरण के दौरान किया गया था. इस फंड के तहत 2 करोड़ रुपए तक के लोन पर ब्याज़ में 3 फीसदी छूट का प्रावधान है.
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फ़ैसले का ऐलान करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ने सभी सरकारी मंडियों को मज़बूत बनाने के लिए के क़दम उठाया है.
इस फ़ैसले का हवाला देते हुए तोमर ने नए कृषि क़ानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों से कहा कि सरकार का सरकारी मंडियों को ख़त्म करने का कोई इरादा नहीं है.
कृषि मंत्री ने एक बार फिर किसानों से अपील की कि इन क़दमों के मद्देनज़र किसान संगठनों को अपना आंदोलन वापस लेकर सरकार से बातचीत करनी चाहिए .
हालांकि तोमर ने एक बार फिर ये भी साफ़ किया कि कृषि क़ानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा. उन्होंने प्रस्ताव दिया कि क़ानून वापस लेने के अलावा आन्दोलनरत किसान संगठनों की और जो भी मांग होगी , सरकार उनपर सम्मानपूर्वक विचार करेगी .
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