द लीडर : देश की मशहूर दरगाह साबिर पाक के 17वें सज्जादानशीन शाह मंसूर एजाज साबरी के बाद अब उनकी बीवी का भी इंतकाल हो गया है. बीते मंगलवार की रात देहरादून के मैक्स अस्पताल में सज्जादानशीन इस दुनिया को अलविदा कह गए थे. शनिवार को उनकी बीवी के इंतकाल की खबर से अकीदतमंदों को गहरा दुख पहुंचा है. उनके हक में दुआएं की जा रही हैं.
बीते मंगलवार को सज्जादानशीन शाह मंसूर एजाज साबरी के भतीजे शाह इमाम ने द लीडर से बातचीत में कहा था कि दरगाह की परंपरा के मुताबिक अगले सज्जादानशीन के रूप में शाह अली एजाज साबरी को जिम्मेदारी सौंपी गई है.
शाह इमाम के मुताबिक सज्जादानशीन शाह मंसूर एजाज साबरी पिछले करीब 16 वर्षों से अस्वस्थ रह रहे थे. लेकिन 10 दिन पहले उनकी हालत ज्यादा बिगड़ गई थी. दो दिन पहले ही उन्हें देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, क्योंकि सांस लेने में ज्यादा तकलीफ थी. मंगलवार की रात करीब 2.05 बजे उनका इंतकाल हो गया था.
दरगाह साबिर पाक के 17वें सज्जादानशीन शाह मंसूर एजाज का इंतकाल, दो दिन पहले देहरादून के मैक्स अस्पताल में हुए थे भर्ती
शाह इमामत ने द लीडर को बताया कि आज यानी मंगलवार को ही मगरिब की नमाज के बाद दरगाह परिसर में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. चूंकि इस बार महामारी है. और लॉकडाउन है. इसलिए भीड़ ज्यादा न जुटे, ेेये ख्याल भी रखा जा रहा है. हालांकि फिर भी लोग आ रहे हैं.
शाह इमाम कहते हैं कि अहले खानदान की ओर से 18वें सज्जादानशीन के रूप में शाह मंजर एजाज साबरी के बेटे शाह अली एजाज साबरी को जिम्मेदारी दी सौंपी जाएगी.
रुड़की के पीरान कलियर स्थित साबिर पाक की दरगाह है. ये दरगाह करीब 721 साल पुरानी है. और हर साल यहां सालाना उर्स होता है, जिसमें देश-दुनिया के अकीदतमंद शामिल होते हैं. आम दिनों पर भी दरगाह पर आने वाले जायरीनों की तादाद काफी रहती है.
सज्जादानशीन के तौर पर शाह मंसूर एजाज लंबे समय से यहां खिदमत कर रहे थे और साबरी सिलसिले को आगे बढ़ा रहे थे. दरगाह से किस कदर लोगों को मुहब्बत और अकीदत है. इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि बड़ी संख्या में लोग अपना सरनेम साबरी लगाते हैं. दरगाह से मुहब्बत के तौर पर परिवारों से बच्चों को ये सरनेम मिलता है.