2020 के बाद किसानों ने फिर भरी हुंकार ,16 फरवरी को भारत बंद का एलान

0
44

द लीडर हिंदी : देश के अन्नदाता ने एक बार फिर हुंकार भर दी है.किसान आंदोलन के तहत 16 फरवरी को भारत बंद का एलान किया गया है. आज केंद्रीय मंत्रियों के साथ अहम बैठक होगी. वही हरियाणा बॉर्डर पूरी तरह सील कर दिया गया है.बतादें अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने की तैयारी कर रहे किसानों ने 16 फरवरी को भारत बंद रखने का ऐलान कर दिया. यह ऐलान सरकार की तरफ से 12 फरवरी को चंडीगढ़ में बातचीत के लिए न्योता दिए जाने के बाद किया गया है.

इस बंद में किसानों के सभी संगठनों ने भाग लेने का फैसला किया है. वही बंद का आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से किया गया है.पंजाब और हरियाणा के 26 किसान संगठनों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच की पूरी तैयारी कर ली है. इससे पहले 25 नवंबर 2020 को तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने विरोध-प्रदर्शन किया था. अब एक बार फिर किसान लड़कों पर उतर आए है अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर सरकार को इन किसानों के आगे झूकना होगा.

बता दें पंजाब में बड़ी संख्या में किसान हरियाणा बॉर्डर पर जमा होना शुरू हो गए हैं. इस बीच भारतीय किसान यूनियन उगराहां गुट के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने 16 फरवरी को भारत बंद का एलान किया है. इसके साथ ही उन्होंने सभी किसान संगठनों व कारोबारियों से इसे सफल बनाने की अपील की है. वहीं, हरियाणा सरकार ने पंजाब से लगती सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है.

वही आंदोलन के मद्देनजर 15 जिलों में धारा 144 लगा दी गई है. आंदोलन उग्र ना हो उसके लिये सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए है.साथ ही सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है. इस बीच आज 12 फरवरी को केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच चंडीगढ़ में अहम बैठक होगी.

दूसरे दौर की यह बैठक चंडीगढ़ में शाम पांच बजे सेक्टर-26 के महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में होगी. केंद्र सरकार की तरफ से बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और अलग-अलग किसान संगठनों के 10 प्रतिनिधि शामिल होंगे. इससे पहले आठ फरवरी को किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों की एक दौर की बैठक हो चुकी है, जिसमें कुछ मांगें मानी गई थीं लेकिन एमएसपी को कानून बनाने समेत कुछ मांगों पर सहमति नहीं बन पाई थी.

सीएम मान की सरकार से अपील, कंटीले तार लगाकर इंडिया व पंजाब का बार्डर न बनाओ
वही इस आंदोलन को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह किसानों की जायज मांगों को स्वीकार कर लें. उन्होंने किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए रास्तों पर कीलें और कंटीले तार लगाने पर दुख जताते हुए रविवार को ट्वीट किया- ‘बड़े-बड़े कील और कंटीले तार लगाकर आप इंडिया और पंजाब का बार्डर न बनाओ. ‘ मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘मेरी केंद्र सरकार से विनती है कि किसानों के साथ बैठकर बात कर लें. उनकी जायज मांगों को मान लें. पंजाब का किसान देश का पेट भरता है. हमारे साथ इतनी नफरत न करों.  बड़े-बड़े कील और कंटीले तार लगाकर आप इंडिया और पंजाब का बार्डर न बनाओ.

किसान आंदोलन को मिला कांग्रेस का साथ
बता दें इस आंदोलन में सभी विपक्ष दल राजनीतिक रोटिया सेकने लगे है. सीएम मान के बाद कांग्रेस ने किसानों के आंदोलन में कूद पड़े है. समराला में कांग्रेस की रैली में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वह दिल्ली कूच में किसानों के साथ हैं. उन्होंने कहा कि 10 सालों में मोदी सरकार ने किसानों को बर्बाद कर दिया है.

वही 2024 में हमारी सरकार बनेगी तो तीनों कृषि कानून रद्द होंगे. मोदी सरकार किसानों के आंदोलन को खत्म करना चाहती है लेकिन कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है.कांग्रेस के इस बयान से साफ कर दिया है कि केद्र की सरकार के खिलाफ कांग्रेस का नया दांव तैयार है.