कागजों में ही दम तोड़ गई सरकारी योजनाएं : सहारनपुर में जर्जर हालात में 193 आंगनबाड़ी केंद्र, नहीं हुआ सौंदर्यीकरण

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द लीडर। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर योगी आदित्यनाथ की सरकार बन गयी है। वहीं भाजपा सरकार लगातार कहती आ रही है कि, उनकी पार्टी ने जो भी वादे किए थे उन्हें पूरा करके दिखाया है। भले ही सरकार प्रदेश में विकास के कितने भी दावे कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां हो रही है।

सहारनपुर जिले में पूरी तरह जर्जर हो चुके 193 आंगनबाड़ी केंद्रों का सौंदर्यीकरण एक वर्ष बाद भी नहीं हो सका है। इन केंद्रों को ग्राम पंचायत निधि व मनरेगा के तहत नए भवन बनाए जाने थे। सिर्फ कागजों में ही रूपरेखा तैयार की गई, लेकिन धरातल पर हालत जस की तस है।

कागजों में ही योजना दम तोड़ गई

ऐसे में बाल एवं पुष्टाहार विभाग किराए और ग्राम पंचायतों में खाली पड़ी जगहों से केंद्र संचालित कर रहा है। जर्जर केंद्रों की हालत में सुधार के लिए एक वर्ष पूर्व पंचायत राज विभाग और मनरेगा के तहत कार्य कराए जाने की रूपरेखा तैयार की गई, लेकिन सिर्फ कागजों में ही योजना दम तोड़ गई और केंद्रों पर कोई काम नहीं हुआ है।


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आशा तिरपाठी ने कहा है कि, जनपद में जो विभागीय हॉल है सरकार की प्राथमिकता है सारे आंगनबाड़ी केंद्र विभागीय हॉल में चले। जो पहले के बने हुए भवन हैं। जिनका 10 साल का कार्यकाल पूरा हो गया है।

विभिन्न विकास खंड जर्जर अवस्था में

ऐसे कई भवन विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न विकास खंड जर्जर अवस्था में है। किसी की खिड़की टूटी हुई है। किसी के दरवाजे टूटे हुए। हैं वहां पर बच्चों को बैठाने में खतरा है। तो सरकार ने यह निर्देश दिए हैं कि, कायाकल्प योजना के तहत जिला पंचायती राज्य कल्याणी अधिकारी के माध्यम से जितने भी सरकारी भवन है। उनको सही करा लिया जाए।

कायाकल्प होने के बाद जब यह भवन ठीक हो जाए तभी उनमें आंगनबाड़ी केंद्रों को संचालित किया जाए। ऐसे ही 193 भवन हमारे जनपद में है जो जर्जर अवस्था में है। जिसमें आंगनवाड़ी केंद्र का संचालन किसी भी दिशा में किया नही जा सकता।

यह सारी सूची हमने पंचायती राज विभाग में दे दी है और जिला पंचायती राज कल्याणी अधिकारी ने यह बताया है कि जैसे ही धनराशि प्राप्त होती है। हमारी प्राथमिकता रहेगी की आंगनवाड़ी केंद्रों को ठीक कराया जाए।


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