थोड़े से पदों पर हजाराें आवेदन आमतौर पर बेरोजगारी की मिसाल मानी जाती है। लेकिन सऊदी अरब में ऐसी घटना काे नए दौर में दाखिले का संकेत माना जा रहा है। वजह? यह उस सऊदी अरब में महिलाओं की स्थिति का पैमाना है, जहां कुछ साल पहले तक उनकी सामाजिक हालत बहुत खराब मानी जाती थी। जहां कार चलाने का अधिकार तक नहीं था, वहां आज 28000 लड़कियां बुलेट ट्रेन ड्राइवर बनने को आवेदन कर रही हैं। (Female Train Drivers Saudi)
पता नहीं सऊदी अरब की लड़कियां और महिलाएं लुजैन अल हथलौल काे कितना याद रख पाई होंगी। वह लुजैन, जिन्होंने महिलाओं को कार चलाने के अधिकार के लिए महिलाओं को लामबंद कर आंदोलन चलाया और भयानक यातनाएं झेलीं, जो यातनाओं की वजह से महज 30 साल की उम्र में बूढ़ी औरत जैसी दिखने लगीं। वे आज भी महिला अधिकारों के लिए कोशिश कर रही हैं, जबकि उनको सशर्त जमानत मिल पाई है।
वहीं, उनके आंदाेलन की बदौलत और दुनिया के साथ कदम मिलाने की मजबूरी ने सऊदी अरब की सत्ता को इसके लिए मजबूर कर दिया है कि वह अपनी सोच को बदले और बदलाव के लिए मजबूती से कदम बढ़ाए। बीते एक साल में सऊदी अरब ने सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव कर जो मुहिम छेड़ी है, वह लंबी छलांग कही जा सकती है।
ताजा मिसाल है महिला ट्रेन ड्राइवरों की भर्ती का विज्ञापन, जिसमें 30 पदों पर 28 हजार आवेदन आए हैं। यह बताता है कि महिलाओं की तरक्की के रास्ते किस कदर खोले गए हैं। (Female Train Drivers Saudi)
स्पैनिश रेलवे ऑपरेटर रेनफे ने बुधवार को कहा कि हमने शैक्षणिक पृष्ठभूमि और अंग्रेजी भाषा कौशल के एक ऑनलाइन मूल्यांकन से आवेदकों की छंटाई की, जिसके बाद संख्या आधी हो सकी। अब बचे ही उम्मीदवारों के बीच सबसे ज्यादा योग्य आवेदकों को छांटा जाना है, जिसकी प्रक्रिया मार्च महीने के मध्य तक होगी। उनमें से 30 महिला ड्राइवरों का चयन होगा, जिनको एक साल सवेतन प्रशिक्षण देकर मक्का-मदीना के बीच बुलेट ट्रेन चलाना है।
30 चयनित महिलाएं एक साल के सवेतन प्रशिक्षण के बाद मक्का और मदीना शहरों के बीच बुलेट ट्रेन चलाएंगी। (Female Train Drivers Saudi)
रेनफे ने कहा, हम अपने स्थानीय व्यवसाय में महिलाओं के लिए अवसर पैदा करने का इच्छुक थे, अभी तक हमने सऊदी अरब में अपनी ट्रेनों को चलाने के लिए 80 पुरुषों को नियुक्त किया हुआ है, और भी 50 पदों पर भर्ती होना बाकी है।
यहां बता दें, सऊदी महिलाओं के लिए नौकरी के अवसर हाल तक शिक्षकों और चिकित्साकर्मियों नौकरियों तक ही सीमित रहे हैं। सऊदी क्राउन प्रिंस मुहम्मद बन सलमान द्वारा राज्य को खोलने और अर्थव्यवस्था में विविधता लाने के अभियान ने बीते पांच सालों में वर्क फोर्स में महिलाओं की भागीदारी लगभग दोगुनी कर दी है, जो 33 प्रतिशत हो गई है।