रुहेलखंड में भाजपा और विपक्ष के बीच नाक की लड़ाई में क्या हैं सियासी समीकरण

द लीडर : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है. सात चरणों में चुनाव होगा. पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होगा. और 10 मार्च को वोट गिने जाएंगे. चुनावी एलान के साथ ही सियासी हलचल बढ़ गई है. रुहेलखंड की बात करें तो यहां सत्तापक्ष भाजपा और विपक्ष, दोनों के सामने बड़ी चुनौती है. (UP Assembly Election Bareilly)

बरेली मंडल की बात करें तो यहां चार ज़िले हैं-पीलीभीत, शाहजहांपुर, बदायूं और बरेली. जिनमें कुल 25 विधानसभा सीटें. 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो इन 25 सीटों में से 23 भाजपा ने जीती थीं. शाहजहांपुर के जलालाबाद में समाजवादी पार्टी के शरदीवर सिंह यादव और बदायूं के सहसवान में सपा के ही ओमकार सिंह अपनी सीट बचाने में सफल रहे थे.

यही वो चुनौती है जो भाजपा और विपक्ष, दोनों के सामने हैं. भाजपा 2017 की जीत दोहराने की कोशिश में जुटी है. तो विपक्षी दल, सपा, बसपा और कांग्रेस यहां अपनी हार को जीत में बदलने के प्रयास में लगी हैं. (UP Assembly Election Bareilly)


इसे भी पढ़ें-चुनाव की तारीखों का ऐलान : उत्तर प्रदेश में 7, मणिपुर में 2, पंजाब-उत्तराखंड और गोवा में 1-1 चरण में होगा मतदान, 10 मार्च को नतीजे


 

बरेली में समाजवादी पार्टी की बात करें तो एक-एक सीट पर कई-कई दावेदार हैं. इससे पार्टी के सामने टिकट बंटवारे में चुनौती पेश आ सकती है. दूसरी तरफ भाजपा के अंदर से भी टिकटों में बदलाव को लेकर चर्चाएं बाहर आती रहती हैं. मौजूदा विधायकों के साथ ही नए दावेदार भी दमखम दिखा रहे हैं.

बरेली में 9 विधानसभा सीटें हैं. जहां एकक्षत्र भाजपा का राज है. इसी तरह पीलीभीत की चारों सीटों पर भाजपा काबिज है. बदायूं और शाहजहांपुर में 6-6 विधानसभा सीटें हैं. इन दोनों जिलों में सपा का एक-एक विधायक है. (UP Assembly Election Bareilly)

बरेली समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष अगम मौर्य ये दावा करते हैं कि पिछले चुनाव में 9 सीटों पर हार का बदला, इस बार सभी सीटें जीतकर लेंगे. दूसरी ओर भाजपा है, जो बूथ स्तर तक अपनी मजबूत पकड़ के बूते पिछला इतिहास दोहराने का दम भर रही है.

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Ateeq Khan

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