द लीडर। उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कोशिश कर रहे हैं कि, योजनाओं से भ्रष्टाचार खत्म हो लेकिन जिम्मेदार अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। बलरामपुर में गरीब श्रमिकों के बालक बालिकाओं को स्कूल पढ़ने जाने के लिए कलेक्ट्रेट प्रांगण में श्रम विभाग द्वारा संत रविदास शिक्षा योजना अंतर्गत साइकिल वितरित की गई। वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि राज्य मंत्री पलटू राम ने किया। वहीं से उन्होंने श्रमिकों को भरण पोषण भत्ते का प्रमाण पत्र भी वितरित किया। राज्य मंत्री के सामने साइकिल वितरण में धांधली का आरोप श्रम विभाग पर आवेदकों द्वारा लगाया गया। राज्यमंत्री ने पूरे मामले पर जांच कराकर कार्रवाई की बात कही।
संत रविदास शिक्षा योजना के तहत बांटी गई साइकिल
जिला बलरामपुर के कलेक्ट्रेट में श्रम विभाग द्वारा संत रविदास शिक्षा योजना के तहत गरीब श्रमिकों के बालक-बालिकाओं को साइकिल वितरण और कामगारों के साथ श्रमिकों को ₹500 प्रतिमाह भरण पोषण भत्ते का शुभारंभ कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के होमगार्ड सैनिक कल्याण राज्यमंत्री पल्टूराम ने किया।
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उन्होंने डेढ़ सौ बालक बालिकाओं को साइकिल वितरित किया। इस दौरान श्रम विभाग पर भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगने लगा। वहां पर आए कई आवेदकों ने बताया कि, उन्होंने पहले आवेदन किया था लेकिन उन्हें साइकिल नहीं दी गई। क्योंकि उन्होंने विभाग द्वारा मांगे गए 500 से 1000 रुपए तक अदा नहीं किए, जिस कारण उनका नाम लिस्ट से हटा दिया गया और बाद में आवेदन करने वाले लोगों को लिस्ट में शामिल कर लिया गया।
विभाग पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप
वहीं जिन लोगों को साइकिल मिली है उन लाभार्थियों से भी 1000 रुपए लिए जाने के आरोप विभाग पर लगे हैं। एक ओर सरकार जहां भ्रष्टाचार खत्म करना चाह रही हैं वही कार्यक्रम के दौरान इतने संगीन आरोप लगना अधिकारियों व कर्मचारियों की मानसिकता को दर्शाता है। कई आवेदकों ने बताया कि, उनसे विभाग के कर्मचारियों द्वारा पैसे की मांग की गई थी और कहा गया था कि, पैसा देने वाले को साइकिल मिलेगी।
इस बारे में जब राज्य मंत्री से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, इस मामले की जांच कराने पर अगर भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध हुए तो दंडनीय कार्यवाही की जाएगी। बताया जा रहा है कि, विभाग में पूर्व में रहे सहायक श्रम आयुक्त द्वारा दो जो सूची तैयार की गई थी उसे बदल कर सहायक श्रम आयुक्त द्वारा नई सूची तैयार कराई गई। जिसमें विभाग में कार्यरत कुछ लिपिकों के इच्छा अनुसार पूर्व में प्रार्थना पत्र दिए पुरानी सूची में सम्मिलित किए गए लाभार्थियों को छोड़ दिया गया।
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