अतीक खान
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की अटकलों के बीच उनकी पार्टी-राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP)बचाव में उतर आई है. एनसीपी ने परमबीर सिंह के पत्र की उच्च स्तरीय जांच कराने का फैसला लिया है. शिवसेना के प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस के इस फैसले को डिफेंड करते हुए कहा कि अगर एनसीपी-प्रमुख शरद पवार ने तय किया है कि अनिल देशमुख पर लगे आरोपों में तथ्य नहीं हैं. और जांच होनी चाहिए तो इसमें गलत क्या है. आरोप तो हर नेता के ऊपर लगते हैं. सबका इस्तीफा लेकर बैठें तो सरकार चलाना मुश्किल हो जाएगा. (NCP Shiv Sena Home Minister 100 Crores Recovery)
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने हाल ही में एक पत्र जारी किया था. इसमें आरोप लगाया था कि गृहमंत्री अनिल देशमुख इंस्पेक्टर सचिन वाजे से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली चाहते थे. ये वसूली बार, होटल और पार्लर से की जानी थी.
इंस्पेक्टर सचिन वाजे, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली एक विस्फोटक लदी कार के मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं. इस घटनाक्रम के बाद ही परमीबर सिंह को पुलिस कमिश्नर के पद से हटाया गया था.
महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है. ये गठबंधन महाविकास अघाड़ी के नाम से जाना जाता है. गृहमंत्री अनिल देशमुख राष्ट्रवादी कांग्रेस के कोटे से गृहमंत्री हैं.
एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि ”पूर्व कमिश्नर ने अपने पत्र में जिक्र किया है कि फरवरी महीने में कुछ अधिकारियों ने उन्हें गृहमंत्री के वसूली वाले निर्देश की जानकारी दी थी. जबकि 6 से 16 फरवरी तक देशमुख कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती थे.”
पवार ने कहा कि ”एटीएस मुख्य केस में सही दिशा में जा रही है. इसलिए जांच की दिशा भटकाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन सच सामने आ रहा है.”
दरअसल, मुकेश अंबानी के घर के बाहर जो विस्फोटक लदी कार मिली थी, उसके मालिक मनसुख हिरेन दो-तीन दिन बाद ही मृत पाए गए थे. इस मामले में मुंबई एटीएस ने रविवार को दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था. शरद पवार इसी जांच के सही दिशा में जाने का उल्लेख करते हैं.
मुकेश अंबानी के घर के बाहर गाड़ी में विस्फोटक के हाईप्रोफाइल मामले की जांच नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी-एनआइए कर रही है. अब उसे मनसुख हिरेन की मौत मामले की जांच भी मिल गई. इस सबके बीच गृहमंत्री पर पूर्व पुलिस कमिश्नर के सनसनीखेज आरोप ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल खड़ा कर दिया है.
विपक्षी दल भाजपा गृहमंत्री के इस्तीफे पर अड़ी है. भाजपा नेताओं ने रविवार को कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया था. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस भी इस्तीफा मांग चुके हैं.
केंद्र सरकार में मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि हमें महाराष्ट्र सरकार को गिराने की जरूरत नहीं है. इतने आरोप-प्रत्यारोप सामने आ रहे हैं. सरकार अपने कारनामों से खुद ही गिर जाएगी और उसके बाद हम वहां सरकार बनाएंगे. अठावले का ये बयान एनसीपी के उस वक्तव्य के बाद सामने आया है, जिसमें सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया गया था.
वहीं, एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने कहा कि ”हमें लगता है कि परमबीर सिंह की चिट्ठी एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है. परमबीर सिंह ने दिल्ली में किस-किस से मुलाकात की है. हमें उसकी जानकारी है. जांच के जरिये सच्चाई सामने आएगी.”
उन्होंने कहा कि ”उच्चाधिकारियों के माध्यम से एक चिट्ठी की जांच होगी. एक पत्र के आधार पर गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा जा रहा है. इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता, पार्टी ने फैसला किया है कि जांच होने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.”