दुनियाभर के मुसलमानों के लिए खास देश सऊदी अरब में क्राउन प्रिंस सलमान की अगुवाई में वह हो रहा है, जिसकी पहले शायद कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। महिलाओं को अधिकार, आधुनिक विज्ञान का उपयोग पवित्र मस्जिदों में रोबोट से लेकर माइक्रोचिप वाली कालीन बिछाकर, मदीना में सिनेमा, सऊदी अरब के इस्राइल से रिश्ते। सांस्कृतिक तौर पर भी इस बदलाव का असर दिखना शुरू हो गया है। इसकी तस्दीक की हैलोवीन त्योहार की धूम ने। सऊदी अरब के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ। हालांकि, तमाम इस्लामी विद्वान यह त्योहार मनाने को हराम मानते हैं। (Halloween Celebrated Saudi Arabia)
सऊदी मीडिया में आई रिपोर्टों के अनुसार, हैलोवीन के त्योहार पर रियाद में एक स्टोर के एक कर्मचारी फ़हद अल्ज़ोवैद ने कहा कि इस छुट्टी ने हमारे लिए और ग्राहकों के लिए खुशी काफी खुशी दी। मुझे लोगों के चेहरों पर खुशी देखकर मज़ा आता है। हर कोई इस दिन को मनाने के लिए मेकअप, पोशाक और सामान खरीद रहा था।
उन्होंने कहा, हैलोवीन-थीम वाली ड्रेस और सजावट देशभर के मॉल में मुहैया रहे, जबकि बेकरी और सुपर मार्केट में कद्दू के मौसम का खुमार दिखाई दे रहा था।
हैलोवीन कार्यक्रमों में आप इस साल परिवार समेत भाग ले सकते हैं। रियाद सीज़न के विंटर वंडरलैंड में एक हैलोवीन कार्यक्रम है, जिसमें एक भुतहा घर, एक डरावना भूलभुलैया और खेल शामिल हैं। रियाद में यह मजा तुवाईक पैलेस में भी किया जा सकता है। (Halloween Celebrated Saudi Arabia)
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 से पहले सऊदी अरब में कोई भी धर्मनिरपेक्ष या अन्य धार्मिक त्योहार खुले तौर पर नहीं मनाए गए।
यूएई और अन्य खाड़ी देश में हैलोवीन मनाया जाता रहा है।
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इस मामले पर एक मुस्लिम विद्वान शेख तौकीर इशाक ने कहा, “मुझे यकीन नहीं होता कि खाड़ी में मुसलमानों को जिंदगी का ‘आनंद’ लेने के लिए मूर्तिपूजक अनुष्ठानों को करने की जरूरत क्यों आ पड़ी है।”
”इससे यही पता चलता है कि वे इस्लाम को नहीं समझते हैं या इसको जिंदगी में इस्तेमाल नहीं कर रहे। पिशाच और शैतानी त्योहार की जगह हम अपनी समृद्ध और विविध संस्कृतियों और इस्लामी परंपराओं पर जोर दे सकते हैं। क्या यह याद नहीं रहा कि बुतपरस्त अनुष्ठानों की नकल न करने की चेतावनी भी पैगंबर (PBUH) ने मुसलमानों को दी थी।”
हर साल 31 अक्टूबर को हैलोवीन मनाया जाता है। हजारों साल पहले शुरू हुए समाहिन के प्राचीन सेल्टिक त्योहार के दौरान भूतों को भगाने के लिए लोग तरह-तरह की वेशभूषा पहनते थे। (Halloween Celebrated Saudi Arabia)
आठवीं शताब्दी में पोप ग्रेगरी III ने 1 नवंबर को यह दिन ऑल सेंट्स डे के रूप में नामित किया। समय गुजरने के साथ हैलोवीन ट्रिक-या-ट्रीटिंग, जैक-ओ-लालटेन, पार्टियों में भाग लेने, रंग बिरंगी ड्रेसें पहनने और दावतों का आनंद लेने का दिन बन गया।