60 हजार करोड़ से ज्यादा की ठगी करने वाला ठग आसिफ नसीम गिरफ्तार, लखनऊ पुलिस ने प्रयागराज से धर दबोचा

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द लीडर। लखनऊ कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। शाइन सिटी के सीएमडी राशिद नसीम का भाई और कंपनी में एमडी आसिफ नसीम को लखनऊ कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। 5 लाख रुपये के इनामी आसिफ नसीफ को क्राइम ब्रांच ने प्रयागराज से गिरफ्तार किया है। बता दें कि, लाखों लोगों से 60 हजार करोड़ से अधिक की ठगी करने वाले शाइन सिटी के डायरेक्टर और ठग राशिद नसीम के भाई आसिफ नसीम को लखनऊ पुलिस ने प्रयागराज से धर दबोचा। उसके खिलाफ लखनऊ में 300 से अधिक मुकदमे दर्ज है। जिनमें से गोमतीनगर में दर्ज 80 मुकदमों में कोर्ट ने कुर्की का आदेश जारी कर दिया था। वहीं अब कंपनी के सीएमडी राशिद नसीम की तलाश तेज हो गई है। दोनों भाई पिछले पांच साल से फरार चल रहे थे। पुलिस के मुताबिक, दोनों ने दुबई में ठिकाना बना रखा था। इन दिनों आसिफ नसीम प्रयागराज अपने करैली स्थित घर आया हुआ था। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर और जेसीपी अपराध नीलाब्जा चौधरी ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है।


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देशभर में की करोड़ों की ठगी

संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध नीलाब्जा चौधरी के मुताबिक, आसिफ नसीम शाइन सिटी ग्रुप ऑफ कंपनीज में 49 प्रतिशत का पार्टनर है। वहीं उसके भाई राशिद नसीम जो कंपनी का सीएमडी है। उसके हिस्से में 51 प्रतिशत का शेयर है। शाइन सिटी कंपनी ने राजधानी में मुख्यालय बनाकर पूरे प्रदेश ही नहीं देश भर में अपने एजेंटों के जरिए करोड़ों रुपये की ठगी की। कंपनी के एजेंट लोगों को मल्टी लेवल मार्केटिंग, जमीन में निवेश, सामानों में निवेश, आवास, विला, फ्लैट जैसी कई योजनाओं में निवेश कराते थे। इसके बदले में उनको मोटा कमीशन मिलता था। रकम जमा होने के बाद कंपनी निवेशकों को न तो जमीन देती थी और न ही निवेश की गई रकम का मुनाफा। कंपनी खुलने के दो साल बाद से ही आरोप लगने लगे। इससे ताबड़तोड़ मुकदमों का सिलसिला शुरू हुआ। गोमतीनगर थाने में ही 300 से अधिक मुकदमें दर्ज है। मामला बिगड़ने लगा तो इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू ने शुरू कर दी।

हाईकोर्ट में दाखिल हुई करोड़ों की ठगी की याचिका

कुछ माह पहले राशिद नसीम की कंपनी में काम करने वाले विजलेश केसरवानी ने पीडि़तों का एक संगठन तैयार करके प्रयागराज हाईकोर्ट में कंपनी के खिलाफ 60 हजार करोड़ से अधिक की ठगी की रिट दायर की थी। बता दें कि, करोड़ों का निवेश कराकर कंपनी में ताला बंद हो गया। जिसके बाद शाइन सिटी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी विजलेश केसरवानी ने एक संगठन बनाया। इस संगठन ने बैठक करने के बाद कानूनी लड़ाई शुरू की। इसके तहत हाईकोर्ट इलाहाबाद में एक रिट दाखिल की गई। जिसमें आरोप लगाया गया कि, कंपनी ने लोगों के 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है। ठगी के मामले में कंपनी के सीएमडी राशिद नसीम, उसका भाई आसिफ नसीम, उसकी पत्नी सहित करीब 57 कर्मचारी आरोपी बनाये गये है। इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज है।


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दुबई से नेटवर्क चला रहा राशिद नसीम

राशिद नसीम को वर्ष 2019 में नेपाल के काठमांडू से गिरफ्तार किया गया था। बाद में नेपाल से उसे जमानत मिल गई थी। इशके बाद वह दुबई भाग गया था। अब वह दुबई से नेटवर्क चला रहा है और जार्जिया की नागरिकता लेने के की तैयारी में है। वहीं, एसटीएफ ने बीते 30 जून को शाइन सिटी के नेशनल हेड बृज मोहन सिंह को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

2013 से शुरू किया ठगी का कारोबार

राशिद नसीम प्रयागराज करेली के जीटीबी नगर का रहने वाला है। करीब 20 साल पहले उसने स्पीक एशिया मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी में एजेंट की नौकरी शुरू की थी। शातिर दिमाग नसीम ने यहीं पर रहकर निवेशकों को ठगने की कला सीखी। इसके बाद वर्ष 2013 में उसने शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से हाउसिंग कंपनी और उसके बाद 50 से अधिक कंपनियां खोल डाली। उसने अपने भाई आसिफ को कंपनी में पार्टनर बनाया था।


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