द लीडर : पिछले साल दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन मरकज में आयोजित इज्तेमा में शामिल होने आए थाईलैंड के 9 तब्लीगी जमात के सदस्यों को बरेली की एक स्थानीय अदालत से बड़ी राहत मिली है. संक्रमण फैलाने और महामारी अधिनियम के उल्लंघन समेत अन्य आरोपों में अदालत ने 9 विदेशियों समेत तीन स्वदेशी यानी कुल 12 लोगों को बरी कर दिया है. इसी के साथ विदेशी नागरिकों के वतन लौटने का रास्ता भी लगभग साफ हो गया है. (Court Acquitted Tablighi Jamaat)
साल 2020 में दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में इज्तेमा था. इसमें दुनिया भर से तब्लीगी जमात के सदस्य हिस्सा लेने दिल्ली पहुंचे थे. इसी वक्त संक्रमण फैल गया और देश-विदेश के हजारों लोग मरकज में फंस गए थे.
बाद में मकरज पर संक्रमण फैलाने के आरोप लगे. और उसे सील कर दिया गया. इज्तेमा में पहुंचने वालों की धरपकड़ शुरू हो गई. देशभर में छापेमारी अभियान चला. मीडिया ने तब्लीगियों के खिलाफ प्रोपेगैंडा चलाकर उन्हें खलनायक साबित करने में पूरा दम लगा दिया. यहां तक कि उस घटना के बाद तमाम सामान्य मुसलमानों को भी समाज के आक्रोश का सामना करना पड़ा था.
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इसी कड़ी में अप्रैल 2020 में शाहजहांपुर के सदर बाजार के मुहल्ला खली शर्की इलाके से 9 विदेशी, दो तलिमलनाडु के और एक स्थानीय तब्लीगी जमात के सदस्य को पकड़ा गया. उनके खिलाफ सदर थाने में मामला पंजीकृत किया. और इन्हें न्यायिक हिरासत में रहना पड़ा.
इसमें कुछ संक्रमित भी हो गए थे. जिनका बरेली में उपचार चला. इनकी रिपोर्ट विदेश मंत्रालय तक भेजी गई थी. बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इनके मामले बरेली में स्थानांरित कर दिए गए. तब से इनके मामले की सुनवाई बरेली कोर्ट में चल रही थी.
शुक्रवार को सीजेएम कोर्ट में इनके मामले को सुना गया. जहां अदालत ने उन्हें बरी कर दिया है. इस तरह करीब 16 महीने की लंबी कानून लड़ाई के बाद तब्लीगियों को राहत मिली है. शाहजहांपुर मरकज के इमाम मुहम्मद तालिब ने बताया कि वे सभी लोग शाहजहांपुर में ही ठहरे हुए हैं. उनके रहन-समन में कोई समस्या नहीं आई. अदालत के फैसले पर सभी लोगों ने खुशी जाहिर की है.
बता दें कि तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों के खिलाफ देश के जिन भी हिस्सों में मामले दर्ज किए गए थे. उनमें कई राज्यों के हाईकोर्ट ने कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए सरकारों को कड़ी फटकार भी लगाई थी. दिल्ली, मुंबई, यूपी समेत कई राज्यों के हाईकोर्ट ने जमात के सदस्यों के खिलाफ लगे आरोपों को रद भी किया. और उन्हें जमानत दी थी.