द लीडर : चूड़ीवाले तस्लीम के हमलावरों को छुड़ाने के लिए हिंदूवादी नेताओं ने इंदौर में प्रदर्शन किया. विशाल भीड़ के बीच केसरिया, भाजपा का झंडा और तिरंगा लहरा रहे थे. इससे पहले कानपुर के रिक्शा चालक असरार के आरोपियों को छुड़ाने की खातिर बजरंग दल के नेताओं ने पुलिस अफसरों के आवास के बाहर, ऐसा ही प्रोटेस्ट किया था. (Indore Protest Hindutva Parties)
उधर तस्लीम के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत छेड़खानी का मामला दर्ज हो चुका है. एक 13 वर्षीय बच्ची की शिकायत पर ये कार्रवाई हुई है. इससे तस्लीम की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इसलिए क्योंकि ये आपराधिक घटनाक्रम अब विशुद्ध राजनीतिक मोड़ ले चुका है.
तस्लीम यूपी के हरदोई जिले के रहने वाले हैं, जो मध्यप्रदेश के इंदौर में फेरी लगाकर चूड़ियां बेचा करते थे. गोविंद नगर इलाके में एक भीड़ ने उन्हें बेरहमी से पीटा. सामान-रुपये भी छीन लिए थे. तस्लीम की तहरीर पर पुलिस ने तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जिन्हें छुड़ाने को लेकर मंगलवार को इंदौर में ये प्रोटेस्ट हुआ है.
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सनद रहे कि जब तस्लीम भीड़ हिंसा का शिकार हुए थे. तब उनके आरोपियों पर कार्रवाई के लिए मुस्लिम समाज के लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया था. आरोप है कि इसमें शामिल करीब 30 लोगों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया.
लेकिन अब जब, आरोपियों के बचाव में विशाल जुलूस और प्रोटेस्ट हो रहा है. तब पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे है. इस बात को लेकर कि क्या अब वो भी कार्रवाई करेगी?
घटनाक्रम को लेकर मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान सामने आ चुका है. जिसमें गृहमंत्री ने बताया कि जिस युवक के साथ मारपीट हुई है. दरअसल, उसके पास दो आधार कार्ड थे. वह अपनी पहचान छिपाकर इलाके में सामान बेच रहा था. (Indore Protest Hindutva Parties)
गृहमंत्री के इस बयान की भी आलोचना हो रही है. इस तर्क के साथ कि अगर किसी शख्स को अपनी पहचान छिपाकर कारोबार करना पड़ रहा है, तो ये और भी भयावह स्थिति है.
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ये घटना ऐसे समय सामने आई है, जब नरसिंहानंद सरस्वती का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वह समाज को ये संदेश दे रहे हैं कि आपके जो सारे काम करते हैं. वो मुस्लिम हैं.
मसलन, प्लंबर, कारपेंटर, बढ़ई, रेहड़ी वाले, सब्जी वाले आदि. आपकी गैरमौजूदगी में ये घरों में आते हैं. और महिलाओं को बहलाते-फुसलाते हैं. एक तरीके से नरसिंहानंद ने मुस्लिम कारोबारी, कामकाजियों के बहिष्कार का आह्वान किया था.
इससे पहले दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारत जोड़ो आंदोलन में मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान हो चुका है. हरियाणा के पटौदी में भी एक सम्मेलन में मुसलमानों के खिलाफ हिंसक बातें सामने आई थीं. (Indore Protest Hindutva Parties)