द लीडर : Lakshadweep, Actress Ayesha Sultana Booked In Sedition Case. दक्षिण सिनेमा की अभिनेत्री आयशा सुल्ताना के खिलाफ लक्षद्वीप में ‘राजद्रोह’ का केस दर्ज किया गया है. राज्य की भाजपा इकाई के अध्यक्ष अब्दुल खादर की तहरीर पर पुलिस ने आयशा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-124 ए (राजद्रोह) और 153 बी के तहत मामला दर्ज किया है. एक मलयालम न्यूज चैनल पर बहस के दौरान केंद्र पर टिप्पणी को लेकर ये कार्रवाई हुई है. जिसमें आयशा ने कथित तौर पर ये कहा कि लक्षद्वीप में संक्रमण फैलाने के लिए केंद्र ने ‘जैविक हथियार’ का इस्तेमाल किया है.
आयशा सुल्ताना लक्षद्वीप की एक्टिविस्ट के तौर पर भी जानी जाती हैं-जो वर्तमान प्रशासक प्रफुल खोडा पटेल की ओर से लाई गई नीतियों के खिलाफ मुखर हैं. और लगातार अपने फेसबुक पेज पर लक्षद्वीप में जारी विरोध-प्रदर्शन के फोटो-वीडियो साझा कर रही हैं. आयशा के एफबी पर 1.1 मिलियन फॉलोअर्स हैं.
प्रफुल पटेल, पिछले साल दिसंबर में लक्षद्वीप के प्रशासक नियुक्त हुए थे. इसके बाद उन्होंने राज्य में कई नई नीतियां लागू की हैं. जिसमें कोरोना की पहले चरण में लागू बंदिशों को हटाना भी शामिल है. आयशा के मुताबिक उन्होंने इन्हीं बंदिशों को हटाए जाने को लेकर जैविक हमले की टिप्पणी की थी.
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करीब डेढ़ महीने पहले लक्षद्वीप का विवाद देश की नजर आया था, जब यहां स्थानीय मछुआरों के शेड गिराए गए थे. सोशल मीडिया पर इस कार्रवाई की खूब आलोचना हुई थी.
दरअसल, द्वीप की नई नीतियों के मुताबिक समंदर किनारे के शेड भी हटाए जाने हैं. इसके अलावा राज्य में शराब बंदी खत्म कर दी गई है. कुछ और कड़े नियम भी लागू किए गए हैं, जिससे स्थानीय लोगों में जबरदस्त नाराजगी का आलम है.
इसको लेकर लक्षद्वीप के पूर्व प्रशासक उमेश सिंघल ने गृहमंत्रालय को एक पत्र लिखा था, जिसमें द्वीप के हालात पर ध्यान देने का आग्रह किया था. आयशा ने सिंघल के इस पत्र को भी साझा किया है.
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राज्य में बढ़ते विरोध के बीच केरल विधानसभा सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर चुकी है, जिसमें प्रशासक पद से प्रफुल पटेल को हटाए जाने का केंद्र से आग्रह किया गया है. इसके अलावा कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस भी केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की अपपील कर चुके हैं.
लेकिन लक्षद्वीप के संकट का अब तक कोई हल नहीं निकला है. इसी को लेकर स्थानीय युवाओं ने अलग अंदाज में प्रदर्शन शुरू किया है. वे समंदर के अंदर प्रदर्शन कर रहे हैं. पटेल को न हटाए जाने तक इसे जारी रखने की बात कह रहे हैं. दूसरे लोग घरों के बाहर और अन्य स्थानों पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.