नई दिल्ली। आईसीएमआर और कोविड 19 के लिए राष्ट्रीय टास्क फोर्स के विशेषज्ञों ने कोरोना से ठीक हुए मरीजों को कम से कम 6 हफ्ते तक किसी भी गैर जरूरी सर्जरी से बचने की सलाह दी है.
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नेगेटिव रिपोर्ट आने पर ही सर्जरी करानी चाहिए
आईसीएमआर ने कहा है कि, गैर जरूरी या वैकल्पिक सर्जरी के लिए कोविड से ठीक हुए मरीजों को 6 हफ्ते बाद फिर से आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना चाहिए और नेगेटिव रिपोर्ट आने पर ही सर्जरी करानी चाहिए.
कोरोना से ठीक हुए मरीजों में 102 दिन तक रहते है वायरस के कण
दरअसल, ऐसा माना गया है कि, कोरोना से ठीक हुए मरीज के शरीर में कुछ वायरस के कण 102 दिन तक रहते हैं, इसलिए सुरक्षा के चलते 102 दिन बाद फिर से आरटी पीसीआर टेस्ट करा लेना चाहिए.
विशेषज्ञों का कहना है कि, सर्जनों को सर्जरी के बाद तेजी से उपचार और स्वास्थ्य लाभ सुनिश्चित करने के लिए छह सप्ताह के ठीक होने के बाद ही एक कोविड मरीज पर एक गैर जरूरी सर्जरी करने पर विचार करना चाहिए.
102 दिनों के बाद पता चलता है कि मरीज में लक्षण हैं या नहीं
टास्क फोर्स के सदस्य संक्रामक रोग विशेषज्ञ संजय पुजारी ने कहा, ऐसा इस वजह से है क्योंकि वर्तमान में मरीज के ठीक होने के 102 दिनों के बाद पता चल सकता है कि दोबारा उसमें कोविड के लक्षण हैं या नहीं.
कोविड के चलते हार्ट सिस्टम हो सकता प्रभावित
माना जा रहा है कि, कोविड की वजह से हार्ट सिस्टम पर घातक प्रभाव पड़ सकता है. अमेरिकन सोसाइटी ऑफ एनेस्थिसियोलॉजी ने दिशा निर्देश जारी किए हैं.
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जिसके मुताबिक, कार्डियोपल्मोनरी सिस्टम पर विशेष ध्यान देने के साथ सर्जरी से पहले एक संपूर्ण प्रीऑपरेटिव मूल्यांकन पर विचार किया जाना चाहिए.
102 दिन बाद फिर से मरीज को हो सकता है संक्रमित
आईसीएमआर के एक अध्ययन ने स्पष्ट किया है कि वायरस के अवशेषों का पता लगाने के बाद भी एक स्वाब परीक्षण के सकारात्मक परिणाम आने की संभावना हो सकती है.
आईसीएमआर ने कहा है कि, अगर कोई पहले कोविड प्रकरण के 102 दिन बाद सकारात्मक परीक्षण करता है, तो इसे नए संक्रमण का मामला माना जा सकता है.