वीडियो : कवि सम्मेलन और मुशायरों की वो महफिलें, जिनके सुरों पर रात झूमा करती. शहर-दर शहर शेरो-शायरी, काव्य पाठ के मंच सजे होते. नामवर कवि, शायर इनकी रौनक बनते. नौजवानों का उमड़ता हुजूम, शायर-कवियों में जोश पैदा करता. लेकिन पिछले करीब डेढ़ साल से यह सिलसिला ठप है. वजह आपदा है. साहित्य की महफिलों में एक ठहराव है. वेबिनार के जरिये इसकी रवानगी बनाए रखने की कोशिशें जरूर हुईं. लेकिन वो उतनी परवान न चढ़ सकीं. ऐसे में द लीडर हिंदी ने साहित्य की रसधार को समाज से जोड़े रखने की एक छोटी सी पहल की है.
द लीडर ने ‘शब्द सुगंध’ शीर्षक से कार्यक्रम प्रारंभ किया है. जहां शायर-कवियों की नई रचनाएं आपके लिए हाजिर होंगी. आप द लीडर हिंदी के यू-ट्यूब चैनल और फेसबुक पेज को सब्सक्राइब करके, शुब्दों की सुगंध से रूबरू हो सकते हैं.
हमें, आपको इसकी जरूरत है. तब और जब एक लंबा अरसा उदासी भरे माहौल के बीच गुजरा है. हर दूसरे परिवार के अपने दुख-दर्द हैं. समस्याएं हैं, संकट. उस पर सोशल मीडिया में दिनभर बेचैनी भरा कंटेंट, फोटो-वीडियो नाचते रहते हैं.
इन हालातों में साहित्य सकारात्मक रखने में काफी मददगार होगा. कवि और शायरों के नजरिये से हम समाज की अंदरूनी तस्वीर देख-महसूस कर पाएंगे. यकीनन आपको अच्छा लगेगा. बोरियत और उदासी दूर होगी.
अगर आप भी साहित्य से जुड़े हैं. गीत-गजल, कविता का शौक है. लिखते-पढ़ते हैं. तो अपनी वीडियो हमें theleaderhindi@gmail.com पर भेज सकते हैं. द लीडर हिंदी के मंच से आपका साहित्य, दर्शकों के बीच पहुंचाएंगे.
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