
द लीडर। शपथ ग्रहण करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर एक्शन में आ गए। वहीं प्रदेश में योगी सरकार के बुलडोजर की गरजना शुरू हो गई है। सरकार ने अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर कार्रवाई तेज कर दी है।
बुधवार को राजधानी लखनऊ में बसपा नेता के अवैध अपार्टमेंट पर बुलडोजर चल रहा है। दरअसल, यह कार्रवाई बार-बार नोटिस देने के बाद जवाब न देने पर की गई। वहीं करोड़ों की कमाई डूब जाने पर लोग गुस्से में हैं। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि जब बन रही थी तो अफसर कहां थे?
बसपा नेता फहद याजदान के अवैध अपार्टमेंट पर चला बुलडोजर
हजरतगंज के बालू अड्डा क्षेत्र में एलडीए की टीम पहुंची। यहां टीम यजदान बिल्डर बसपा नेता फहद याजदान के अवैध अपार्टमेंट को तोड़ने का काम शुरू कर दिया है। इसका निर्माण अवैध तरीके से किया गया है।
यह भी पढ़ें : योगी सरकार ने बाबर हत्याकांड को गंभीरता से लिया : पीड़ित परिवार से CM योगी ने की फोन पर बात, कहा – नहीं बचेंगे आरोपी
एलडीए के आधिकारियों का कहना है कि, 2016 में इस अवैध 6 मंजिल इमारत का निर्माण किया गया था। यहां अपार्टमेंट नजुल की जमीन पर बना है। एलडीए ने बार-बार नोटिस भेजा फिर भी कोर्ई जवाब नहीं दिया गया।
प्राधिकरण ने करीब 3 महीने पहले इसके ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया था। बुधवार की सुबह प्राधिकरण का दस्ता दल बल के साथ इसे तोड़ने पहुंचा। पुलिस बल मिलने के बाद लगभग 11:30 बजे कार्यवाही शुरू की गई।
कहां था एलडीए… जब बन रही थी इमारत
डॉक्टर मतीन ने इस अपार्टमेंट में तीन फ्लैट की रजिस्ट्री करा रखी है। मतीन एलडीए की इस कार्रवाई से अचरज में हैं। उनका कहना है कि रातो रात तो बिल्डिंग खड़ी नहीं हुई। उनका अधिकारियों से सवाल है कि जब बिल्डिंग बन रही थी तब सब कहां थे। 6 मंजिला इमारत दूर से दिखाई पड़ती है अगर यह अवैध है तो फिर बन कैसे गई। अधिकारी इसका जवाब दें।
उनका कहना था कि, मेरी पूरी कमाई डूब गई और भ्रष्ट अफसर और यह भूमाफिया मलाई काट रहे हैं। यह जनता के साथ अन्याय है। योगी को इस ओर ध्यान देना चाहिए। जिम्मेदार अफसरों और बिल्डर को भेज देना चाहिए।
डूब गई लोगों की करोड़ों की कमाई
एलडीए की टीम पहुंची और जब इमारत पर बुलडोजर चलना शुरू हुआ तो लोगों की भीड़ जुट गई। इस इमारत में जिन लोगों का फ्लैट है वे परेशान थे। उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा था। लोग अफसरों से सवाल पूछ रहे थे कि आखिर अपार्टमेंट क्यों गिराया जा रहा है इस पर अफसरों का कहना था कि इमारत अवैध है।
आगे लोगों का सवाल था कि, साहब अगर यह बिल्डिंग अवैध थी तो बंद कैसे गई? इसका अफसर जवाब नहीं दे रहे थे। लोग अफसरों के आगे गिड़गिड़ा रहे रहे थे कि साहब मेरी करोड़ों की कमाई डूब गई पर अफसर के पास कोई जवाब नहीं था।
यह भी पढ़ें : पेपर लीक मामले पर घिरी योगी सरकार : अखिलेश यादव बोले भाजपा सरकार पेपर माफिया पर कागज का ही बुलडोजर चलवा दे…