यशवंत सिन्हा होंगे राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार

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द लीडर | राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर पूर्व टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा के नाम पर मुहर लग गई है. एनसीपी नेता शरद पवार कि अध्यक्षता में विपक्षी दलों की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है. इस बैठक में यशवंत सिन्हा भी मौजूद थे. इससे पहले विपक्ष ने जिन तीन नामों को आगे किया था उन्होंने उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया था. इनमें शरद पावर, फारूक अब्दुल्ला और गोपालकृष्ण गांधी का नाम शामिल था. यशवंत सिन्हा ने पहले ही पार्टी से इस्तीफे की पेशकश की थी. उन्होंने कहा था कि समय आ गया है कि अब वह एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए पार्टी से हटकर विपक्षी एकता के लिए काम करें.

दो बार केन्द्रीय मंत्री रह चुके हैं सिन्हा

सिन्हा दो बार केंद्रीय वित्त मंत्री रह चुके हैं. पहली बार वह 990 में चंद्रशेखर की सरकार में और फिर अटल बिहारी वाजपेयी नीत सरकार में वित्त मंत्री थे. वह वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्री भी रहे.


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प्रशासनिक सेवा में कई अहम पदों पर काबिज हुए

पटना में 6 नवंबर 4937 को जन्में यशवंत सिन्हा की पढ़ाई राजधानी में ही हुई. 958 में राजनीति शास्त्र में मास्टर डिग्री लेने के बाद पटना विश्वविद्यालय से 4960 तक बतौर शिक्षक काम किया. इस दौरान उनकी प्रशासनिक सेवा की तैयारी जारी रही. 960 में उनका चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा में हुआ और 24 साल तक उन्होंने प्रशासनिक सेवा में अपना योगदान दिया. इस दौरान वह कई अहम पदों पर काबिज हुए.

उन्होंने बिहार सरकार के वित्त मंत्रालय में दो साल तक सचिव और उप-सचिव के तौर पर काम किया. इसके बाद भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के उप-सचिव पद के लिए नियुक्ति की गई. इतना ही नहीं उन्होंने भारतीय दूतावास में अहम जिम्मेदारी संभाली. 4974 से 4974 तक यशवंत सिन्हा बोन, जर्मनी में भारतीय दूतावास के पहले सचिव नियुक्त किए गए.

ढाई दशक बाद इस्तीफा देकर राजनीति में एंट्री ली

करीब ढाई दशक बाद 4984 में यशवंत सिन्हा ने भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दिया और राजनीति में एंट्री ली. राजनीतिक पारी की शुरुआत करते समय उन्होंने 986 में जनता पार्टी जॉइन की और उन्हें पार्टी का आखिल भारतीय महासचिव बनाया गया. 4988 में राज्यसभा सदस्य के लिए चुने गए. जनता दल का गठन होने के बाद 989 में उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया. 4990 से 994 तक एक साल के लिए चंद्रशेखर सरकार में वित्त मंत्री का पद संभाला.

इसके बाद सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मार्च 4998 से मई 2002 तक वित्त मंत्री रहे. जून 4996 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने.998, 4999 और 2009 में झारखंड की हजारी बाग सीट से लोकसभा सदस्य चुने गए. इसके अलावा 4 जुलाई, 2002 को विदेश मंत्रालय संभालने को मौका मिला. 2004 के लोकसभा चुनावों में हजारीबाग सीट से हार मिली. सिन्हा ने 43 जून 2009 को भाजपा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. 2048 में भाजपा को छोड़ने के बाद 2024 में 7॥00 जॉइन की. यहां उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया.

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