बरेली में नाबालिग़ के क़त्ल से क्यों हिल गया शीशगढ़ क़स्बा

द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में कमसिन लड़के अरशिल को महज़ इसलिए मार दिया गया कि उसने अपनी बहन के बारे में बेजा बात सुनकर नाराज़गी जता दी. उस लड़के कि अपने मामू से शिकायत कर दी. मामू ने घर के पास फुटवियर की दुकान चलाने वाले इस लड़के नज़रान को समझाया. वो भी नाबालिग़ है. आइंदा किसी ग़लत हरकत से बाज़ आने के लिए कहा. उसके तेवर देखते हुए बतौर नसीहत उसे एक थप्पड़ भी मार दिया.

अरशिल के मामू तौफ़ीक़ को लगा कि बात ख़त्म हो गई लेकिन यह अंदाज़ा नहीं था कि उनके भांजे की जान चली जाएगी. इल्ज़ाम है कि नज़रान ने अपने तीन बड़े भाईयों को इकट्ठा किया. शाम के वक़्त थाने के पीछे नंदसाल से घर लौट रहे अरशिल को घेर लिया. वो वहां से छूटकर अपने घर दर्ज़ी चौक की तरफ भागा तो मंदिर के पास पकड़कर लात-घूंसे बरसाने लगे.

इतना मारा कि बेहोश हो गया. तब मरा जानकर चारों भाई उसे छोड़कर चले गए. एफ़आईआर में यह भी लिखा गया है कि चारों ने अरशिल को मारने के बाद घर के पास जाकर कहा कि हमने उसे मार दिया है, जाकर लाश उठा लो. घरवाले अरशिल को लेकर आनन-फ़ानन में अस्पताल गए. डॉक्टरों ने जवाब दे दिया. कह दिया कि जिस्म से सांसों का रिश्ता टूट चुका है. समझा जा सकता है कि जवानी की दहलीज़ पर क़दम रखने वाले बेटे की मौत पर मां, दो बहनों, मामू और दूसरे रिश्तेदारों पर क्या बीती होगी. देखने में बहुत ख़ूबसूरत अरशिल के क़त्ल की ख़बर क़स्बे में जिसने भी सुनी, हिल गया. सभी अफ़सोस जताने लगे.

अरशिल के मामू तौफ़ीक़ ने चारों भाईयों अफ़ग़ान, नज़रान, कामरान, अदनान के ख़िलाफ़ मुक़दमा लिखा दिया है. पुलिस ने अदनान और नज़रान के साथ इमरान को भी उठा लिया है. इमरान मुक़दमे में नामज़द नहीं है लेकिन पुलिस उससे पूछताछ कर रही है.बतादें अरशिल के वालिद वकील ग़ल्ला व्यापारी हैं. बेटे के क़त्ल के वक़्त लखीमपुर खीरी में नेपाल बार्डर थे. वहां से लौट रहे हैं. मारपीट से अरशिल का सीना लाल हो रहा था. पीठ के पीछे भी चोटों के निशान थे. माना जा रहा है कि सीने पर चोटों की वजह से हार्टफेल हो सकता है.

पुलिस पोस्टमॉर्टम करा रही है. शाम तक मौत की वजह साफ हो जाएगी. द लीडर हिंदी ने अरशिल के ताऊ से बात की. तो उन्होंने सीएम योगी से इस मामले में मांग कर डाली. बहरहाल घटना बेहद दुखद है. इसलिए क्योंकि एक नाबालिग़ की जान चली गई, जिसे कांवेंट स्कूल में पढ़ाकर मां-बाप रात-दिन क़ाबिल इंसान बनाने की जुस्तजू में लगे थे. उसे मारने में नामज़द कराए गए चार जवान भाईयों पर सलाख़ों का साया मंडरा रहा है, जो जुर्म उन्होंने किया है, उसकी सज़ा उम्र क़ैद से लेकर फांसी तक है.https://theleaderhindi.com/bareillys-famous-joke-why-is-mumtaz-saqlaini-apologizing-after-being-jailed/

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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