द लीडर हिंदी : 76वां गणतंत्र दिवस समारोह दरगाह आला हज़रत पर मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम में भी मनाया गया. दरगाह आला हज़रत के प्रमुख मौलाना सुब्हान रज़ा ख़ान सुब्हानी मियां और सज्जादानशीन मुफ़्ती मुहम्मद अहसन रज़ा क़ादरी अहसन मियां की मौजूदगी में उलमा-ए-कराम ने ख़्यालात का इज़हार किया.
मुफ्ती आक़िल रज़वी, मास्टर कमाल, मौलाना डाक्टर एजाज़ अंजुम, मुफ्ती मुहम्मद सलीम नूरी बरेलवी ने आज़ादी की जंग में मदरसों की भूमिका पर बात करते हुए संविधान बनने और उसके लागू होने के इतिहास पर रौशनी डाली. कहा कि संविधान का अस्ल मक़सद आपसी सौहार्द को बढ़ावा देने और अनेकता में एकता का भाव है.
नफ़रत के खात्मे पर ज़ोर दिया गया है. समाज में सांप्रदायिक सद्भाव, आपसी सौहार्द को बढ़ावा देने का संविधान हम से मुतालबा करता है. हमें हमारे बुजुर्गों कोशिशों की याद दिलाता है. हमारा मुल्क अनेक संस्कृतियों, भाषाओं, मज़हबों और परंपराओं का मिश्रण है और यही इसकी खूबी है. मज़हबी आज़ादी के अधिकार की गारंटी देता है. धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान के बुनियादी सिद्धांतों में से एक है.
मुफ्ती सलीम नूरी ने यह भी कहा कि हमारा देश संविधान से चलेगा. किसी वर्ग विशेष की विचार धारा से नही. तिरंगा लहराने के बाद रज़वी हाॅल में मदरसे के छात्रों को मिठाई तक़सीम की गई. मुफ्ती मोइनुद्दीन, मुफ्ती अफ़रोज़, मुफ्ती सय्यद मुहम्मद कफ़ील हाशमी, मुफ्ती जमील, मुफ्ती अख्तर, सय्यद शाकिर, मौलाना मुजीब, सय्यद जुल्फ़ी, मौलाना कलीमुरहमान, क़ारी अब्दुल हकीम, मुफ्ती अय्यूब ख़ान, मौलाना अबरारुल हक़ ,मौलाना मोईन ख़ान ने यौमे जमहुरिया की सब को मुबारकबाद पेश की.
सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन मियां ने मुल्क में अमन के साथ मज़हब व मसलक की तरक़्क़ी के लिए दुआ की. दरगाह के मीडिया प्रभारी रहे नासिर क़ुरैशी ने बताया कि मदरसे के प्रधानाचार्य मुफ्ती आकिल रज़वी, मदरसा शिक्षकों और छात्रों ने तिरंगा फहराकर हिन्दुस्तानी तराना पढ़ा. मंज़र-ए-इस्लाम के छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए.