द लीडर हिंदी : देश में खरबों की वक़्फ़ संपत्ति मौज़ू-ए-बहस है. केंद्र सरकार वक़्फ़ क़ानून में कई बदलाव करने जा रही है. बिल संसद में पेश होने के बाद पीएसी को भेज दिया गया है. वक़्फ़ क़ानून का नाम बदलकर ‘एकीकृत वक्फ़ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम’ कर दिया गया है. बदलाव को लेकर विपक्ष और यहां तक कि उलमा के बीच से भी मुख़ालेफ़त की आवाज़ें आ रही हैं लेकिन लगता नहीं सरकार क़दम पीछे खींचेगी. अब यह और बात है कि कांग्रेस समेत प्रमुख विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर कहां तक जा सकते हैं. संसद से लेकर सड़क तक तीखी बयानबाज़ी के बीच हमारे मुंबई रिपोर्टर अमजद ख़ान ने इस मुद्दे पर कांग्रेस, आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लेमीन और उलमा से बात करके उनका रुख़ जाना.
बता दें सरकार ने वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक बृहस्पतिवार को लोकसभा में पेश किया है.जिसके बाद विपक्षी सदस्यों ने विधेयक का पुरजोर विरोध किया और कहा कि यह संविधान, संघवाद और अल्पसंख्यकों पर हमला है.आपको बता दें इस संशोधन विधेयक पास कराने के सरकार के अपने तर्क हैं.https://theleaderhindi.com/after-beard-in-bareilly-tanaza-stands-out-in-hijab-in-kanpur/