द लीडर : उत्तर प्रदेश की नगरीय राजनीति में एक धाकड़ चेयरमैन की पहचान बनाने वालीं शहिला ताहिर आजकल पुलिस की नजरों से बचती फिर रही हैं. दरअसल, कथित मारपीट के आरोप में पालिका कर्मचारियों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. और पुलिस उनकी तलाश में कई जगहों पर दबिश दे चुकी है. उन्हें ट्रेस करने की खातिर मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाए गए हैं.
शहला ताहिर बरेली के नवाबगंज की चेयरमैन हैं, जिसकी आबादी करीब 40 हजार है. वर्ष 1995 में उन्होंने नगरीय राजनीति में कदम रखा था. तब से अब तक नगर की राजनीति में उनका एकक्षत्र राज बना है. इस बीच कई दिग्गज नेताओं को शिकस्त दी. प्रशासन से मुचैटा भी लेती रही हैं.
शिवपाल यादव की बेहद करीबियों में शुमार
समाजवादी पार्टी की सरकार में शहला का जलवा जग जाहिर है. वह शिवपाल की खास मानी जाती रही हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में जब शिवपाल ने सपा का दामन छोड़कर प्रसपा बनाई, तब शहला भी सपा त्यागर प्रसपा के साथ चल दीं. यही नहीं, पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपनी बेटी समन ताहिर को प्रसपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतारा था.
हाल ही में शौहर से अनबन को लेकर चर्चा में रही थीं शहला
डॉ. ताहिर और शहला की शादी 1992 में हुई थी. दोनों के तीन बच्चे हैं. पिछले दिनों शहला ने डॉ. ताहिर पर एक और शादी करने का आरोप लगाया था. ये मामला कोर्ट तक भी पहुंचा था.
अक्सर विवादों से उलझती रही हैं शहला
शहला ताहिर के सामने ये कोई नई चुनौती नहीं है. वे अक्सर विवादों में उलझती रही हैं. कई बार नगर पालिका में कामगाज को लेकर उन पर गंभीर आरोप लगते रहे हैं. यहां तक कि पिछले साल उनके वित्तीय अधिकार भी सीज कर दिए गए थे, बाद में हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिली. इस बार दो कर्मचारियों ने उनके खिलाफ मारपीट और अभिलेख फाड़े जाने का मामला दर्ज कराया है.
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