पूर्व चीफ जस्टिस गोगोई ने क्यों कहा कि मनमाफिक फैसले नहीं दिए तो आप पर अटैक करेंगे!

द लीडर : अयोध्या की राम जन्मभूमि पर फैसला सुनाने वाले भारत के पूर्व चीफ जस्टिस (CJI) रंजन गोगोई ने न्यायपालिका (Judiciary) की बढ़ती आलोचनाओं को लेकर अपनी राय जाहिर की है. उन्होंने कहा कि हम एक कठिन (टेरिबल) दौर में रह रहे हैं. इसमें जिस भी शख्स के पास ताकत और तेज आवाज है. वे, सब संभावित खतरे हैं. और ये खतरे चारों ओर से हैं. जजों पर हमलों को लेकर गोगोई ने कहा कि, चाहे जितने हमले हों, जज दबाव में नहीं आते. असल में, जजों पर हमले करके ये संदेश देने की कोशिश की जाती है कि अगर आप हमारे मनमाफिक फैसला नहीं देंगे. तो रिटायरमेंट के बाद आप पर अटैक करेंगे. मगर जज, इससे झुकते नहीं. कुछ, टूट जाते हैं.

गुरुवार को इंडिया टुडे के कॉन्क्लेव में जस्टिस गोगोई ने ये बातें कहीं. उनसे पूछा गया कि आपके बारे में कहा जाता है कि राम मंदिर से जुड़ा फैसला सुनाने के कारण आपको राज्यसभा भेजा गया-गोगोई बोले, ये सब फिजूल की बातें हैं.

जस्टिस गोगोई ने अपने ऊपर लगे उस आरोप को भी खारिज किया, जिसमें यौन उत्पीड़न के एक मामले में खुद ही खुद को क्लीन चिट दिए जाने की बात शामिल हैं. जस्टिस गोगोई ने कहा कि ये आधारहीन आरोप है. और तथ्यों को जांचना चाहिए.


बंगाल में नहीं तो क्या पाकिस्तान में बोलेंगे जय श्रीराम, शाह का ममता पर वार-गुंडे जिताते हैं इनको चुनाव


 

हाल ही में तृणमूल कांग्रेस पार्टी की सांसद महुआ मोईत्रा ने इस प्रकरण को लेकर संसद में बयान दिया था. जस्टिस गोगोई ने कहा कि अगर आप किसी पर आरोप लगा रहे हैं तो उसका नाम लेने की भी हिम्मत दिखाइए.

यौन उत्पीड़न मामले पर उन्होंने कहा कि, पहले ही दिन मैंने ये केस जस्टिस बोबड़े के हवाले कर दिया था. जोकि अभी मौजूदा सीजेआइ हैं और उस समय सबसे वरिष्ठ जज थे. जस्टिस बोबड़े ने ही जांच कमेटी बनाई थी. फिर मैंने कैसे खुद को क्लीन चिट दे दी. फैक्ट सही कीजिए. आप नई पीढ़ी के जजों को ये बताना चाहते हैं कि आपका मुंह बंद रखा जाएगा.

एनआरसी एक बड़ा राजनीतिक खेल

असम में एनआरसी को लेकर भी जस्टिस गोगोई ने अपना मत रखा है. उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी राजनेताओं का बड़ा खेल है. बीजेपी की सरकार हो या कांग्रेस की. पिछले 50 सालों से राजनीतिक पार्टियां ये खेल रही हैं. अवैध प्रवासियों को कहा जाता है कि हमें वोट दीजिए-हम तुम्हारी रक्षा करेंगे. जबिक दूसरी ओर स्थानीय लोगों से कहा जाता है कि हमें वोट दो-हम अवैध प्रवासियों को बाहर निकाल देंगे.


जानिए, कैसे इस आंदोलन से शुरू हुआ नरेंद्र मोदी का राजनीतिक कॅरियर और बने प्रधानमंत्री


 

अब हिमंता बिस्व सरमा कह रहे हैं कि चुनाव के बाद एक फुलप्रूफ एनआरसी लाएंगे. आखिर इसमें क्या गलत है. इसे क्यों नहीं लागू किया जाता. पूरे देश में एनआरसी के सवाल पर बोले-जब एक राज्य में 40-50 साल से एनआरसी नहीं हो पा रही है तो पूरे देश में एनआरसी का सवाल कहां है.

Ateeq Khan

Related Posts

बरेली में केलाडांडी का माहौल जांचने पहुंचे डीएम-एसएसपी

द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में जुमे के दिन जिस केलाडांडी गांव में मस्जिद बनाम विवादित स्थल का तनाज़ा खड़ा हुआ, वहां माहौल का जायज़ा लेने के लिए…

बरेली में बिना रंजिश क्यों क़त्ल किए गए सेना के रिटायर्ड माली

द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में कैंट के मिलिट्री डेयरी फॉर्म के पास झोंपड़ीनुमा कमरा बनाकर रहने वाले बुज़ुर्ग रिटायर्ड माली की लाश मिली है. तब जबकि उन्हें…