द लीडर हिंदी: अखिलेश यादव-राहुल गांधी की जोड़ी के भाजपा का विजयरथ रोकने का चर्चा ख़ूब हो रहा है. लेकिन महाराष्ट्र में महाराष्ट्र विकास आघाड़ी गठबंधन की जीत यूपी से कहीं बड़ी है. महाराष्ट्र वो स्टेट है, जहां भारतीय जनता पार्टी ने सबसे ज़्यादा प्रयोग किए. बुल्डोज़र से अवैध इमारतें कम ढहाई गई होंगी, महाराष्ट्र में दल ज़्यादा तोड़े गए. शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस एक से दो हो गईं. नेता भी कपड़ों की तरह पार्टियां बदलते दिखाई दिए.
सत्ता की ख़ातिर महाराष्ट्र की सियासत में प्रयोग पर प्रयोग हो रहे थे और पब्लिक ख़ामोशी इख़्तेयार किए यह सब देख रही थी. अपनी बारी का इंतज़ार कर रही थी. जैसे ही जनता जनार्दन के पाले में गेंद आई, उसने अपनी राय का इज़हार करके साफ कर दिया कि क्या ग़लत और क्या सही है. पिछले चुनाव में परचम लहराने वाला एनडीए को समेट दिया. एमवीए को पावरफुल कर दिया. उसके खाते में 48 में 31 सीट आ गईं, जबकि एनडीए 41 से 17 पर आ गया.जनता का यह बड़ा फ़ैसला है. जिन उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस को कमज़ोर करने की तमाम कोशिशें हुईं, वार पर वार किए गए. बावजूद इसके वही ताक़तवर बन गए.
शिवसेना उद्धव को 9, एनसीपी शरद पवार को 8 और कांग्रेस को 13 सीट मिलीं. यह सांगली के निर्दलीय उम्मीदवार के जीत दर्ज करके कांग्रेस में आ जाने से 14 हो गईं. दूसरी तरफ भाजपा 9, शिवसेना शिंदे 7 और एनसीपी अजीत पवार को 1 सीट मिली.