यूपी में रामपुर के इन दो विधायकों को क्यों कहा जा रहा एक और एक ग्यारह

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The Leader. यूपी का ज़िला रामपुर समाजवादी पार्टी का मज़बूत गढ़ था. क़द्दावर नेता मुहम्मद आज़म ख़ान को सज़ा के बाद जब रामपुर में उपचुनाव हुआ तो भारतीय जनता पार्टी से आकाश सक्सेना उर्फ हनी जीत गए. लोकसभा सीट आज़म ख़ान ने विधायक बनने पर छोड़ी थी. अब वहां से घनश्याम लोधी सांसद हैं. आज़म ख़ान के बाद उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म को भी मुरादाबाद कोर्ट से सज़ा हो गई. लिहाज़ा उनकी स्वार सीट ख़ाली होने पर उपचुनाव हुआ तो अपना दल (एस) से शफ़ीक अहमद अंसारी विधायक बन गए. शफ़ीक़ को लखनऊ में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.


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इस मौक़े पर उनके साथ रामपुर के विधायक आकाश सक्सेना भी मौजूद रहे. रामपुर में एक और एक ग्यारह कहे जा रहे ये दोनों विधायक बाद में सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मिले. इस मुलाक़ात के दौरान सीएम काफी ख़ुश दिखाई दिए. शफ़ीक़ अंसारी को आशीर्वाद के साथ मेहनत से काम करने की सीख दी. बातचीत के दौरान रामपुर के साथ मुख्यमंत्री ने स्वार में भी विकास कार्यों को तेज़ गति से कराने की बात कही. जीत के लिए शफ़ीक़ को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से भी शाबाशी मिली. समाजवादी पार्टी के पास अब रामपुर में विधानसभा की एक सीट चमरव्वा की बची है, जहां से आज़म ख़ान के राइट हैंड कहे जाने वाले नसीर ख़ान विधायक हैं. उन पर भी मुक़दमे दर्ज हैं और कोर्ट में ट्रायल शुरू हो जाने से क़यास चमरव्वा सीट पर उपचुनाव के भी तेज़ हो गए हैं.


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पांच दिन पहले नगर पालिका परिषद रामपुर भी सपा से छिन गई. 20 साल से यहां सपा का क़ब्ज़ा था. रामपुर के मतदाताओं ने इस बार आम आदमी पार्टी से नई नवेली दुल्हन सना ख़ानम को जिताकर बहुत बड़ा फ़ैसला सुनाया. इसकी गूंज दिल्ली तक सुनाई दी. जब दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सना ख़ानम और उनके शौहर मामून शाह ख़ान को बुलाकर उनकी पीठ थपथपाई. यूपी में समाजवादी हुकूमत का दौर जाने और भाजपा की सत्ता के जड़ें जमाने से रामपुर में आज़म ख़ान का मज़बूत क़िला कुछ इस तरह से दरकता चला जा रहा है. हार का लंबा सिलसिला है, जो चुनाव दर चुनाव आगे बढ़ रहा है.