वक़्फ़ क़ानून में रद्दोबल से बरेली हैदराबाद तक किसके तेवर तीख़े ?

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द लीडर हिंदी : ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी जेपीसी वक़्फ़ क़ानून में बदलाव से पहले प्रमुख उलमा-ए-कराम और मुल्क के तीसरे सबसे बड़े ज़मीनी ख़ज़ाने से जुड़े फ़रीक़ यानी पक्षकारों को सुन रही है. उनके एतराज़ात नोट किए जा रहे हैं. इसके लिए जेपीसी अध्यक्ष जगदम्बिका पाल मुंबई भी गए थे. वहां सय्यद मुईनुद्दीन अशरफ़ और रज़ा एकेडमी के बानी सईद नूरी की क़यादत में उलमा ने उनसे मुलाक़ात की थी. तहरीरी तौर पर एतराज़ से वाक़िफ़ कराया था. उसके बाद एक मीटिंग उलमा के साथ संसद भवन में भी बुलाई गई थी.

मीटिंग में हिस्सा लेकर बरेली आए सईद नूरी ने द लीडर हिंदी को इस मीटिंग की जानकारी दी थी. चर्चा है कि जेपीसी की रिपोर्ट तैयार होने के कगार पर है. उससे पहले बरेली से लेकर हैदराबाद तक वक़्फ़ एक्ट संशोधन बिल पर मुख़ालेफ़त का सिलसिला ज़ोर पकड़ गया है. बरेली में मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान से लेकर दरगाह से जुड़े प्रमुख संगठन नाराज़गी ज़ाहिर कर चुके हैं. यह मामला पिछले दिनों आला हज़रत के उर्स में भी उठा था.

हैदराबाद के सांसद और पंजाब के शाही इमाम भी बोले हैं. हमने इस मसले पर जेपीसी के सदस्य एवं रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी से भी बात की थी. तब जब वो बरेली आए थे. इसके साथ ही असदुद्दीन ओवैसी कह चुके है रद्दोबदल नाक़ाबिले क़ुबूल है.https://theleaderhindi.com/mosque-dispute-not-stopping-in-shimla-protesters-broke-police-barricades-policeman-injured-in-stone-pelting/