नई दिल्ली। भारत में कोरोना के मामलों की रफ्तार अब थमने लगी है. जिस कारण सरकार अब राज्यों में लगे लॉकडाउन को खोलने में लग गई है. लेकिन देश में अनलॉक की इस प्रक्रिया को देखते हुए WHO ने चेतावनी दी है. और कहा कि, अभी प्रतिबंध हटाए जाने में जल्दबाजी न की जाए.
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अनलॉक पर WHO ने भारत को दी चेतावनी
WHO के प्रमुख टेड्रॉस गेब्रयासस ने कहा कि, डेल्टा वेरिएंट सहित अन्य वेरीएंट्स काफी चिंताजनक है और इनके बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रतिबंधों में जल्दबाजी में दी गई ढील खतरनाक साबित हो सकती है. उन्होंने कहा कि, खासतौर पर उन लोगों के खतरनाक वेरिएंट्स का शिकार होने की संभावनाएं ज्यादा हैं जिन लोगों को अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है.
कई राज्यों में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू
कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ने के बाद देश के कई राज्यों में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. कई राज्यों में लॉकडाउन को आगे बढ़ाया गया है तो कई राज्यों ने विभिन्न गतिविधियां शुरू करने की अनुमति दे दी है.
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डेल्टा के साथ अन्य वेरिएंट्स तेजी से फैल रहा
उन्होंने कहा कि, विश्व में अभी भी डेल्टा के साथ ही अन्य वेरिएंट्स का प्रसार भी काफी तेजी से हो रहा है. इसलिए प्रतिबंधों में ढील देने का कोई भी फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया जाना चाहिए. यह कदम उठाना विनाशकारी साबित हो सकता है.
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि, यदि कोई भी देश अपने यहां की पूरी आबादी को वैक्सीन लगाए बिना प्रतिबंधों में जरूरत से ज्यादा ढील देगा तो तीसरी लहर को आने से नहीं रोका जा सकता.
कई देशों में अभी भी खतरनाक स्थिति
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कहा कि, कई देश अभी भी खतरनाक की स्थिति के दौर से गुजर रहे हैं और वहां अभी भी संक्रमण के काफी संख्या में मामले दर्ज किए जा रहे हैं. जिन देशों में टीकाकरण का काम तेजी से चला है वे देश प्रतिबंधों को समाप्त करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं, लेकिन ऐसे देशों को भी सतर्कता बरतनी होगी क्योंकि वायरस की प्रतिक्रिया क्षमता को देखते हुए सावधानी से कदम उठाना ही उचित होगा.
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इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को चिंता का कारण बताया था. मालूम हो कि, कोरोना का यह स्ट्रेन सबसे पहले भारत में ही पाया गया था. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने पिछले महीने इस ट्रेन को वैरीएंट आफ कंसर्न (वीओसी) घोषित किया था.
सतर्कता के साथ कदम उठाना जरूरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में पहली बार पाया गए स्ट्रेन बी.1. 617.1 और बी.1.617.2 को को क्रमश: कप्पा और डेल्टा नाम दिया था. डब्ल्यूएचओ की ओर से कोरोना वायरस के विभिन्न स्ट्रेन को नए नाम दिए गए हैं जिसके तहत वायरस के विभिन्न ने स्वरूपों की पहचान ग्रीक भाषा के अक्षरों से होगी
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नया स्ट्रेन चिंता का विषय
विभिन्न देशों की ओर से स्ट्रेन से देश का नाम जोड़े जाने पर आपत्ति जताए जाने के बाद डब्ल्यूएचओ की ओर से यह कदम उठाया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि, बी. 1.617.2 अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है। इसलिए कोई भी कदम सतर्कता के साथ उठाए जाने की जरूरत है।