द लीडर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी पहुंचे. यहां बागडोगरा एयरपोर्ट पर एक शख्स उनके स्वागत के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहा था. जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने विमान से उतरते ही गले लगा लिया. यह शख्स कोई और नहीं, बल्कि समाजसेवी करीमुल हक थे. जो ‘बाइक एंबुलेंस दादा’ के नाम से मशहूर है. सरकार की ओर से उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है. प्रधानमंत्री के साथ उनके गले लगने की तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. चाय के बागान में काम करने वाले करीमुल हक की बाइक एंबुलेंस दादा बनने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं हैं तो आइए जानते हैं… कौन है करीमुल हक और क्यों उन्हें बाइक एंबुलेंस दादा के नाम से जाना जाता है…
West Bengal: Padma awardee Karimul Haque, also known as 'Bike Ambulance Dada' met PM Modi upon his arrival at Bagdogra Airport, today
Haque was awarded Padma award for his unique way of social service by ferrying patients to medical facilities on his motorbike in Jalpaiguri Dist pic.twitter.com/nFj8YKCPID
— ANI (@ANI) April 10, 2021
एंबुलेंस के लिए पैसे न होने की वजह से हो गई थी मां की मौत
करीमुल हक चाय के बागान में काम करने वाले साधारण से व्यक्ति है. करीब 25 साल पहले उनकी मां की तबीयत खराब हुई तो उनके पास उन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस के पैसे नहीं थे. समय से इलाज न मिल पाने की वजह से उन्होंने अपनी मां को खो दिया था. उनकी तरह ही पश्चिम बंगाल के चाय के बागान में काम करने वाले दूर-दराज गांव के हजारों लोगों के पास अस्पताल पहुंचने के संसाधन मौजूद नहीं थे. इसके चलते सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती थी. मां की मौत के करीमुल हक ने अपने जैसे हजारों लोगों की मदद करने का ठान ली. वह अपनी बाइक से मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाते हैं. इसी वजह से लोगों ने उन्हें बाइक एंबुलेंस दादा के नाम से पुकारना शुरू कर दिया.
1998 में खरीदी बाइक, फिर शुरू की सेवा
करीमुल हक ने लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए वर्ष 1998 में अपनी तनख्वाह से रुपये बचाकर एक बाइक खरीदी. फिर इससे बीमार और गरीब लोगों को अस्पताल पहुंचाना शुरू कर दिया. बताते चले कि अब तक करीमुल हक करीब 4000 हजार लोगों को बाइक से अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचा चुके हैं. उनके इस सेवाभाव को देखते हुए सरकार उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कर चुकी है.
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी की टोपी लगाकर कान में कुछ कह रहे एक मुस्लिम शख्स के साथ फोटो भी मीडिया में सुर्खिया बटोर चुकी है, जोकि जुल्फिकार अली की थी. वह भाजपा के सक्रिय सदस्य होने के साथ ही पीएम मोदी के बड़े प्रशंसक है. दक्षिण 24 परगना जिले में एक चुनावी रैली के दौरान पीएम मोदी से मिलने का मौका मिला तो उन्होंने राष्ट्रहित में काम करने की इच्छा जाहिर की. मोदी भी उनके कंधे पर हाथ रखकर ध्यानपूर्वक उनकी बात सुनते नजर आए थे.