गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर पकड़ी 21 हजार करोड़ की हेरोइन किसने मंगाई! ड्रग्स में क्यों घिरे शाहरूख खान के बेटे

अतीक खान


बॉलीवुड स्टार शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान ड्रग्स मामले में घिर गए हैं. एक क्रूज पर आयोजित जिस रेव पार्टी में आर्यन खान गेस्ट थे. एनसीबी की रेड में वहां से ड्रग्स पकड़ा गया है. एनसीबी ने आर्यन से भी पूछताछ की है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक एनसीबी को ड्रग्स मामले में आर्यन का कोई कनेक्शन नहीं मिला है. लेकिन इस मामले की जांच जारी है.

हाल ही में गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह (Mundra Port) पर 3,000 किलो ड्रग्स पकड़ी गई, जो अब तक की सबसे बड़ी खेप है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 21 हजार करोड़ तक आंकी जा रही है. इसे मुंबई के एक्टर, एक्ट्रेस और फिल्म डायरेक्टरों के घर-घर ड्रग्स तलाशने में व्यस्त नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने नहीं बल्कि, डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) के अफसरों ने पकड़ा है. ये सारा जहर सांसों के सहारे युवाओं की रगों में समाता. इसे किसने मंगाया है? जांच जारी है. (heroin Gujrat Mundra Port)

पिछले साल बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajpoot) की मौत की घटना याद होगी. जिसमें रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शौविक को ड्रग्स के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. रिया, महीनों जेल में रहीं. तब ड्रग्स को लेकर मीडिया और एनसीबी के तेवर कैसे थे-याद कीजिए. लेकिन अब, जब 3,000 किलोग्राम हेरोइन पकड़ी गई है. तब मीडिया बेफिक्र हैं. डीआरआइ के साथ अब एनसीबी के अफसर भी जांच में जुट गए हैं.

अफगानिस्तान अफीम की खेती का सबसे बड़ा उत्पादक है. अफीम की फसल की देखभाल करते किसान. फाइल फोटो-साभार इंटरनेट

हेरोइन अफगानिस्तान से आई है, जिसे 13-14 सितंबर को ईरान के बंदर अब्बास बंदरगाह के रास्ते भारत भेजा गया था. मुंद्रा पोर्ट पर डीआरआइ के अफसरों ने इसे पकड़ लिया.


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गांधीनगर की सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (CSFL) के विशेषज्ञों के मुताबिक, ये बेहद उच्च गुणवत्ता वाली हेरोइन है. जो संभवता अफगानिस्तान में पैदा होती है. (heroin Gujrat Mundra Port)

आंध्रप्रदेश की एक फर्म ने टैलकम पाउडर आयात किया था, जिसके कंटेनरों से हेरोइन बरामद हुई है. फर्म चलाने वाले जोड़े को चेन्नई से हिरासत में लिया गया है. इसके अलावा भारत के कई शहरों से अफगान नागरिकों को हिरासत में लेकर, तस्करी के संबंध में पूछताछ की जा रही है.

मुख्यधारा की मीडिया में बेशक इस खबर की चर्चा कम है. लेकिन सोशल मीडिया पर हंगामा बरपा है. जहां न्यूज चैनल और सरकार दोनों से ही सवाल पूछे जा रहे हैं. इस तर्क के साथ कि, रिया चक्रवर्ती के 59 ग्राम ड्रग्स मामले को दिनरात टीवी पर दिखाने वाले पत्रकार 3,000 किलोग्राम हेरोइन पकड़े जाने पर क्यों खामोश है?

विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ”हिंदुस्तान टाइम्स ने गुजरात के ”अडाणी मुंद्रा पोर्ट” पर जब्त 3,000 किलो ड्रग्स की कीमत 21,000 करोड़ बतायी. ये ड्रग्स तालिबान द्वारा भेजी जा रही है. मोदी जी ये बताएं कि भारत के युवाओं को नशे में धकेलने की साजिश के दोषी कौन हैं? कितने हजार करोड़ के ड्रग्स बगैर जांच निकल गए?” (heroin Gujrat Mundra Port)

जाहिर है कि भारत में अब तक की सबसे बड़ी ड्रग्स तस्करी पकड़ी गई है, तो हंगामा खड़ा होना भी लाजिम है. सोना-चांदी, हीरे-जवाहरात होते तो भी ठीक था. लेकिन ये तो भारत की नस्लों को नशे में जकड़ने का मामला है. जिसकी जड़ें देश में गहरे तक फैली हैं. 3,000 किलो हेराइन की एक खेप, इसका ठोस सबूत है.

अफगानिस्तान : अफीम से जीडीपी की 7 प्रतिशत कमाई

संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स क्राइम कार्यालय (UNODC) की 2017 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में 9900 टन अफीम की अनुमानित पैदावार होती है. जिसकी कीमत 1.7 बिलियन डॉलर है. जोकि अफगानिस्तान की सकल घरेलू आय (GDP)का कुल 7 प्रतिशत है.

संयुक्त राष्ट्र के बयान पर आधारित एक कहती है कि, अफगानिस्तान से ड्रग्स का कारोबार अफ्रीका, यूरोप, कनाडा, रूस के अलावा मध्यपूर्व और एशिया के कई हिस्सों में संचालित होता है. (heroin Gujrat Mundra Port)

अफीम के खेत.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अफगानिस्तान में नशीले पदार्थों पर रिसर्च करने वाले डेविड मैन्सफील्ड कहते हैं कि कुछ शिपमेंट ईरान में तस्करी के लिए भारी गश्त वाली सीमा पर फेंक दिए जाते हैं. एक रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि अवैध नशीले पदार्थों से तालिबान सालाना 40 मिलियन डॉलर तक कमाता है. उनकी सालाना कमाई की 60 प्रतिशत धनराशि का जरिया, नशीले पदार्थ ही हैं. हालांकि इस दावे पर विवाद भी है.

स्पेशल इंस्पेक्टर जनरल फॉर अफगानिस्तान (SIGAR) की 2018 की रिपोर्ट की मानें तो 2002 से 2017 के बीच अफगानिस्तान में ड्रग कारोबार में कमी के लिए अमेरिका ने 8.6 बिलियन खर्च किए हैं. यहां तक कि अफीम उन्मूलन के अंतर्गत खेती, संदिग्ध लैब पर हमले भी किए हैं. (heroin Gujrat Mundra Port)


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साल 2002 में अफगानिस्तान में अफीम की खेती पर रोक लगा दी गई थी. लेकिन ये प्रतिबंध थोड़े ही समय तक लागू रहे. बाद में दोबारा खेतों में अफीम पैदा की जाने लगी. इसी साल 15 अगस्त को अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान का कब्जा हो चुका है. इसके एक महीने के बीच ही भारत में इतनी भारी मात्रा में हेराइन का बरामद किया जाना, कई सवाल भी खड़े करता है.

Ateeq Khan

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