द लीडर : किसान आंदोलन की ताप मीडिया संस्थान और पत्रकारों तक पहुंचने लगी है. आंदोलन से जुड़ी एक खबर को लेकर इंडिया टुडे समूह ने वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई को न सिर्फ 15 दिन के लिए ऑफ एयर किया है, बल्कि एक महीने का वेतन काटने की कार्रवाई की है. वहीं, यूपी पुलिस ने राजदीप समेत सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. जिसकी, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने निंदा कर, केस रद करने की मांग उठाई है.
ये सारी कार्रवाई 26 जनवरी को दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड से जुड़ी है, जिसमें हिंसा के बीच रामपुर के ट्रैक्टर चालक किसान नवरीत की मौत हो गई थी. राजदीप ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने पुलिस की गोली से नवरीत की मौत का दावा किया था. यही जानकारी उन्होंने न्यूज बुलेटिन में भी दी थी. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नवरीत की मौत में गोली की पुष्टि नहीं हुई. बाद में राजदीप ने अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया था.
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इसके बाद इंडिया टुडे ने राजदीप पर ये कार्रवाई की है, जो मीडिया जगत में चर्चा का विषय बनी है. इसी मामले को लेकर यूपी के नोयडा में राजदीप सरदेसाई, कांग्रेस नेता सांसद शशि थरूर, वरिष्ठ पत्रकार मृणाल पांडेय, पत्रकार जफर आगा, परेशनाथ, अनंतनाथ, विनोद के जोश और एक अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
नोएडा के अभिजीत मिश्रा ने नोएडा पुलिस में एक शिकायत दी थी. जिसमें आरोप लगाया था कि उक्त सातों लोगों ने भ्रामक ट्वीट और सूचनाएं प्रसारित की हैं, ये लिखते हुए कि नवरीत की मौत पुलिस कार्रवाई में हुई. शिकयत में एक सुनियोजित साजिश के तहत दंगा भड़काने का आरोप लगाया गया है. जिस पर पुलिस ने केस दर्ज किया है. इसी प्रकरण में मध्यप्रदेश में भी इन पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
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शुक्रवार को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एक प्रेस नोट जारी कर पत्रकारों पर केस दर्ज करने की निंदा करते हुए कहा कि केस रद किए जाएं. और मीडिया को पूरी आजादी के साथ स्वतंत्र रिपोर्टिंग करने दी जाए.