सीएम ममता का आरोप- जैन हवाला कांड के आरोप पत्र में राज्यपाल धनखड़ का नाम, राज्यपाल ने आरोपों को बताया निराधार

द लीडर : पश्चिम बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच विधानसभा चुनाव के पहले से ही तीखी जुबानी जंग चल रही है.

सोमवार को दोनों एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर सामने आ गए. प्रेस कांफ्रेंस कर सार्वजनिक तौर पर भ्रष्टाचार समेत कई गंभीर आरोप-प्रत्यारोप लगाए.

सीएम ममता ने राज्यपाल का नाम जैन हवाला कांड के आरोप पत्र में होने का बड़ा आरोप लगाया है.

वहीं, राज्यपाल ने दार्जिलिंग के जीटीए में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार होने और कैग से उसकी जांच कराने की बात कही. उन्होंने ममता के अरोपों को निराधार बताया.

ऐसे शुरू हुआ टकराव

दरअसल, राज्यपाल जगदीप धनखड़ एक सप्ताह के उत्तर बंगाल दौरे पर थे. वह सोमवार दोपहर बाद कोलकाता वापस लौटे.

इस दौरान दार्जिलिंग के गोरखालैंड टेरीटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगाया.

राज्यपाल ने जीटीए के खातों की नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) से जांच कराए जाने की बात कही. जीटीए में भ्रष्टाचार के मामले ने तूल पकड़ा तो सीएम ममता भड़क उठी.

उन्होंने तुरंत प्रेस कांफ्रेंस बुलाई और राज्यपाल धनखड़ पर बड़े आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ऊपर से नीचे तक भ्रष्ट हैं. वर्ष 1996 के चर्चित जैन हवाला कांड की चार्जशीट में भी उनका नाम था, मगर कोर्ट से उन्होंने अपना नाम हटवा लिया था.

ममता बनर्जी ने दावा किया है कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ का नाम अब भी एक याचिका में है जो अदालत में लंबित है. इसलिए वह केंद्र सरकार को तीन बार पत्र भेजकर राज्यपाल को हटाने की मांग कर चुकी है.

ममता के गंभीर आरोपों पर क्या बोले राज्यपाल

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सार्वजनिक तौर पर राज्यपाल धनखड़ पर कई गंभीर आरोप लगाए तो उन्होंने कुछ देर बाद राजभवन में प्रेस कांफ्रेंस बुलाई.

इसमें उन्होंने ममता के आरोपों का जवाब देते हुए पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री के आरोप गलत और पूरी तरह से निराधार है. उनका नाम जैन हवाला कांड की चार्जशीट में कभी था ही नहीं.

मुझे उम्मीद नहीं थी कि सीएम ममता बनर्जी ऐसी गलत जानकारी देकर सनसनी फैलाने की कोशिश करेंगी. ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

किसी चार्जशीट में मेरा नाम होने का कोई दस्तावेज नहीं है. जैन हवाला मामले की चार्जशीट में कोर्ट से स्टे तब लेता, जब कोई ऐसी चार्जशीट होती.

अधिवेशन के अभिभाषण का हकीकत से मेल नहीं

राज्पाल ने प्रेसवार्ता में आगे कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा का दो जुलाई से अधिवेशन शुरू होगा. इसके लिए ममता सरकार की ओर से अभिभाषण का मसौदा तैयार कर भेजा गया है. आरोप है कि अभिभाषण में लिखी बातों का जमीनी हकीकत से कोई तालमेल नहीं है.

उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल के दौरे में कई हैरान करने वाली बातें उन्हें पता चली. जीटीए में चल रहे भ्रष्टाचार की जांच के लिए उसके खातों का ऑडिट जरूर होना चाहिए.

दो साल से चल रही तकरार

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने करीब दो साल पहले शपथ ली थी. इसके बाद से ही राज्यपाल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक-दूसरे पर जुबानी हमले करते रहे हैं.

विधानसभा चुनाव के बाद बंगाल में हुई हिंसा के मुद्दे पर भी राज्यपाल ने ममता सरकार को कठघरे में खड़ा किया था और उनकी नाकामी की वजह से अराजकता होने की बात कही थी.

वहीं, ममता और राज्यपाल के बीच जुबानी जंग आए दिन सुर्खियां बनती रही है. ममता समेत टीएमसी के बड़े नेता भी राज्यपाल को लेकर सवाल उठाते रहे हैं कि वह राज्य के प्रथम नागरिक की तरह नहीं, बल्कि बीजेपी के प्रवक्ता के तौर पर काम कर रहे हैं.

क्या था जैन हवाला कांड

भारत की राजनीति को हिला कर रख देने वाला जैन हवाला कांड करीब 25 साल पहले हुआ था. इसमें भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी, कांग्रेस के विद्याचरण शुक्ल, अर्जुन सिंह, शरद यादव, मदनलाल खुराना, नारायण दत्त तिवारी जैसे दिग्गजों समेत 115 नेताओं और ब्यूरोक्रेट्रस के नाम शामिल थे.

इस घोटाले के दो बड़े किरदार सुरेन्द्र कुमार जैन और उनके भाई जेके जैन थे, जो राजनीतिक दलों को विदेश से फंड भेजा करते थे. आरोप था कि ये लोग आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन को भी फंड देते थे. हालांकि, पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बाद में सभी आरोपित बरी हो गए थे.

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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