Watch: इस अरबी देश की संसद में चले लात-घूंसे

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ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारतीय सांसद-विधायक ही जनता के पैसे पर ऐश करते हैं और दुनिया में फजीहत कराते हैं। ऐसा ही अब जॉर्डन में भी चल रहा है। जॉर्डन की संसद में संवैधानिक सुधारों पर गरमागरम बहस के दौरान हंगामा मच गया। हंगामा इस कदर कि कुछ ही देर में सांसदों में लात-घूंसे से मारपीट शुरू हो गई। (Fight In Jordan Parliament)

बुधवार को कई सांसद जॉर्डन नागरिक के नाते अरबी महिला नाम के साथ समान अधिकारों को संविधान अनुभाग में जोड़ने के मसौदा संशोधन पर चर्चा कर रहे थे। लेकिन कुछ सांसदों ने मसौदे को “बेकार” करार दिया, जिसके बाद जॉर्डन के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में एक गर्म बहस छिड़ गई। बहस का सीधा प्रसारण अल-ममलका टेलीविजन चैनल पर जारी था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बहस के दौरान सुलेमान अबू याह्या और संसद भवन के स्पीकर अब्दुल करीम दुगमी के बीच विवाद शुरू हो गया। विवाद यहां तक बढ़ गया कि याह्या ने दुगमी पर “सभा चलाने के काबिल” होने की बात कहकर बोल दिया कि यह “कुछ भी नहीं” जानता।

इतना बोलना था कि दोनों ओर से खींचतान शुरू हो गई और मारपीट होने लगी।

सरकारी टीवी चैनल के लाइव फुटेज में सांसदों को घूंसे मारते हुए दिखाया गया, जबकि एक सांसद तो मारपीट के दौरान जमीन पर गिर गया, कुछ बीचबचाव के लिए चिल्लाते दिख रहे थे। कुछ देर तक हुई इस मारपीट के बाद सत्र को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। (Fight In Jordan Parliament)

घटनाक्रम पर संसद सदस्य खलील अतियेह ने रायटर से कहा, सांसदों का यह मुंहजोरी मैच था, जो मारपीट में बदल गया। ऐसा बर्ताव देश की प्रतिष्ठा का नुकसान पहुंचाता है, जिसे हरगिज मंजूर नहीं किया जा सकता।

यहां बता दें, जॉर्डन में जिन संवैधानिक सुधारों पर चर्चा की जानी है उनमें एक “राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद” का निर्माण और सदन के स्पीकर के मौजूदा दो साल के कार्यकाल को आधा कर एक साल करना भी शामिल है। (Fight In Jordan Parliament)

विशेषज्ञों का कहना है, 1952 में पेश किए गए राज्य के संविधान में 29 बार संशोधन किया गया है, जिसमें राजशाही की ताकत विधायिका की कीमत पर बढ़ रही है।


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