20 साल से कर रहा था मेहनत, इस इंसान को मिला अब तक का 26.11 कैरेट का चौथा सबसे बड़ा हीरा

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द लीडर | मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की उथली खदान में फिर एक बार हीरे की चमक बिखेरी है। यूं तो अक्सर लोगों को यहां हीरे मिलते हैं, लेकिन कभी ही मौके होते हैं, जब किसी को कोई नायाब हीरा हांथ लगता है। आज भी कुछ ऐसा हुआ, जिसमें अब तक प्राप्त सर्वाधिक बड़े व बेशकीमती हीरों के क्रम में चौथा बड़ा हीरा आज हाथ लगा है। बताया जाता है कि हीरापुर टपरियांन की स्वीकृत हीरा खदान में शहर के सुशील शुक्ला व उनके सहयोगियों को 26.11 कैरेट का हीरा मिला है।

20 साल से हीरा खदानों में खोज कर रहे थे 

हीरा पाते ही सभी साझेदारों की खुशी का ठिकाना नहीं था। सुशील शुक्ला ने बताया कि करीब 20 साल से वे हीरा खदानों में अपनी किस्मत आजमा रहे थे, लेकिन उन्हें कभी हीरा नहीं मिला, लेकिन आज भगवान की कृपा हुई और उनके हांथ एक ऐसा हीरा लगा, जो इतिहास में दर्ज हो जायेगा। सुशील को मिला हीरा अब तक मिले हीरों में चौथे स्थान पर दर्ज हुआ है।


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कटौती के बाद खनिक को दी जाएगी इसकी कीमत

अधिकारी ने बताया कि, हीरे को एक दो दिनों में नीलामी के लिए रखा जाएगा और इससे होने वाली आय सरकारी रॉयल्टी और करों की कटौती के बाद खनिक को दी जाएगी। किराए की जमीन पर ईंट भट्ठा व्यवसाय चलाने वाले शुक्ला ने मीडिया को बताया कि वो और उनका परिवार पिछले 20 सालो से खनन कार्य में शामिल थे लेकिन ये पहली बार है जब उन्होंने इतना बड़ा रत्न पया है।

और किसको किसको अब तक मिला हीरा ?

इससे पूर्व जिले में सर्वाधिक बड़े हीरों की बात करें तो पन्ना में 15 अक्टूबर 1961 में धाम मोहल्ला निवसी रसूल मोहम्मद को 44.55 कैरेट का हीरा मिला महुआटोला की खदान में मिला था। जो अब तक का सबसे बड़ा हीरा है। इसके बाद शहर के मोतीलाल व रघुवीर प्रजापति को 9 अक्टूबर 2018 में 42.59 कैरेट का हीरा कृष्णाकल्याणपुर में मिला। जबकि तीसरा सर्वाधिक बड़ा हीरा कृष्णाकल्याणपुर (पटी) क्षेत्र में अस्थाई अनुज्ञप्ति धारक बृजेश कुमार उपाध्याय निवासी बडा बाजार पन्ना को आज 29.46 कैरेट का उज्जवल हीरा मिला। इसके बाद आज 26.11 कैरेट का हीरा सुशील शुक्ला व उसके साथियों को मिला है।

हार नहीं मानी 

तमाम नाकाम कोशिशों के बावजूद सुशील ने हार नहीं मानी तथा फरवरी में फिर से हीरा कार्यालय से कृष्णकल्याणपुर की उथली हीरा खदान का पट्टा जारी करवाया। इसके बाद सुशील ने अपने पांच साथियों के साथ मिलकर खुद ही खदान में काम शुरू किया। इस बार इनकी किस्मत मेहरबान थी तथा सोमवार 21 फरवरी को इन्हें 26.11 कैरेट का बेशकीमती हीरा मिल गया। सालों से जिस हीरे को सुशील तलाश रहे थे उसे देखकर उनकी आंखों में आंसू आ गए। इसके बाद उन्होंने तुरंत ही इस हीरे को हीरा कार्यालय में जमा करवाया।

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