कुवैत में पैगंबर पर टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले प्रवासियों का वीजा रद्द, वापस भेजे जाएंगे अपने देश

द लीडर। नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर किए गए आपत्तिजनक बयान के बाद हो रहे विरोध प्रदर्शन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मुसलमान जहां नबी की शान में गुस्ताखी को लेकर नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं। तो वहीं योगी सरकार कड़ी कार्रवाई कर अपराधियों के घरों पर बुलडोजर चला रही है। फिलहाल देश ही नहीं बल्कि इस्लामिक देशों में पैगंबर पर टिप्पणी के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है। लेकिन कुवैत में प्रवासियों को प्रदर्शन करना भारी पड़ गया।


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शुक्रवार 10 जून को जहां जुमे की नमाज के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों और दिल्ली, झारखंड व रांची में जोरदार मुसलमानों ने प्रदर्शन किया। तो वहीं कार्रवाई करते हुए अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके साथ ही यूपी में अपराधियों के घरों पर बुलडोजर चला दिए गए। लेकिन विदेशों में हो रहे प्रदर्शन पर वहां की सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है।

कुवैत सरकार का बड़ा फैसला

जी हां, पैगंबर पर विवादित टिप्पणी का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ है। नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी पर मुस्लिम अड़े हैं। वहीं कुवैत सरकार ने पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा की टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले प्रवासियों को उनके देश वापस भेजने का फैसला किया है। जुमे की नमाज के बाद लोगों ने जहां प्रदर्शन किया था।

कुवैत में प्रवासियों को प्रदर्शन की अनुमति नहीं

कुवैत में प्रवासियों को धरना प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं थी। लेकिन उसके बावजूद उन्होंने प्रदर्शन किया। जिसको लेकर अब कुवैत सरकार ने यह फैसला लिया है कि, प्रदर्शन करने वाले प्रवासियों को उनके देश वापस भेजा जाएगा। इसके साथ ही उनके अब वापस कुवैत आने पर भी प्रतिबंध रहेगा। जिससे वहां फिर से कोई प्रवासी कानून तोड़ने की गलती न करें।

बता दें कि, कुवैत में विदेशियों के प्रदर्शन और आंदोलन करने को गंभीर अपराध माना जाता है। कुवैत सरकार ने इस मामले पर सख्त कदम उठाकर विदेशियों को वापस उनके देश भेजने का फैसला लिया है। जिससे कुवैत में कोई भी प्रवासी लोग आगे से कानून नहीं तोड़ पाए।

कुवैत सरकार ने की थी नूपुर शर्मा के बयान की निंदा

भाजपा से निष्कासित प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी। जिसका कुवैत देश ने भी विरोध किया था। कुवैत सरकार ने भारतीय राजदूत को तलब कर पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी के नेता के बयान को लेकर एतराज जताया था।

नमाज के बाद प्रवासियों ने किया था प्रदर्शन

जुमे की नमाज के बाद शुक्रवार 10 जून को कुवैत के फहाहील क्षेत्र में 40 से 50 प्रवासियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया था। और उन्होंने जमकर नारेबाजी भी की थी। प्रदर्शनकारियों में पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और अरब देशों के प्रवासियों के साथ ही भारतीय मुसलमानों के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है।


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हालांकि रिपोर्ट में प्रदर्शन करने वाले प्रवासियों की राष्ट्रीयता का उल्लेख नहीं किया गया है। लेकिन कुवैत सरकार का कहना है कि इन सभी को उनके देश वापस भेज दिया जाएगा।

कुवैत ने प्रदर्शनकारियों का वीजा किया रद्द

कुवैत सरकार ने प्रवासियों के प्रदर्शन को लेकर उनके वीजा रद्द कर दिए हैं। इसके साथ ही उन्हें निर्वाचन केंद्र भेजा गया है। अब इन सभी प्रवासियों को वापस भेज दिया जाएगा। फिलहाल पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि, इन लोगों को प्रदर्शन के लिए किसने उकसाया था।

सूत्रों के मुताबिक, अरब देशों में धरने प्रदर्शन के आयोजन पर प्रतिबंध लागू है। किसी भी तरह के प्रदर्शन को नियमों और कानूनों का उल्लंघन माना जाता है। और इनमें शामिल लोगों को उनके देश भेज दिया जाता है।

पैगंबर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे- प्रदर्शनकारी

शुक्रवार 10 जून को जुमे की नमाज के बाद देश ही नहीं बल्कि कुवैत में भी मुसलमानों ने प्रदर्शन किया। और नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने कहा कि, उनके पैगंबर का अपमान वह कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि, नूपुर शर्मा को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सजा दी जाए।

उत्तर प्रदेश में कानपुर के बाद प्रयागराज, सहारनपुर, मुरादाबाद और हाथरस में प्रदर्शन हुआ। मुसलमान सड़कों पर उतर आए। इसके अलावा दिल्ली, कोलकाता में भी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। कई जगह पर कानून व्यवस्था भंग होने पर पुलिस ने बल का प्रयोग कर लोगों को वहां से खदेड़ा। इस मामले में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। और आगे भी कार्रवाई जारी है।


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indra yadav

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