उत्तराखंड में 40 जगह वनाग्नि बेकाबू, केंद्र से मदद मांगी

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द लीडर देहरादून

उत्तराखंड में जंगल की आग बढ़ती ही जा रही है । रविवार सुबह 40 क्षेत्रों में बड़े दायरे के साथ जंगल धधक रहे थे। 12000 वन कर्मी 1300 अग्निशमन दस्ते जूझ रहे हैं । ताज़ा वनाग्नि में 1292 हेक्टेअर जंगल खाक हो चुका है। इससे पहले सर्दियों में करीब 1500 हेक्टेअर वन क्षेत्र जला था।मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अब केंद्र से मदद मांगी है। आर्थिक मदद के अलावा कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के लिए एक एक हेलीकाप्टर भी मांगा है ताकि जंगलों की निगरानी हो सके।
वनाग्नि में चार लोगों की जान जा चुकी है। कुमाऊं में नैनीताल और पिथौरागढ़ और टेहरी में कई जगह आग गांव और खेतों तक पहुंच गई है। कार्बेट और राजाजी नेशनल पार्क में वन्य जीव भी संकट में आ गए हैं।कई जंगली जानवर व पशु पक्षी के भी आग में जलने की खबर है।

 


भीषण आग को देखते हुए सीएम तीरथ रावत ने कल ही गृह मंत्री अमित शाह को हालात से अवगत कराया। सीएम ने गृह मंत्री से गढ़वाल व कुमायूँ के लिए हेलीकाप्टर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। इसके अलावा एनडीआरएफ और अन्य सपोर्ट सिस्टम की भी मांग की है। गृह मंत्री शाह ने उन्हें केंद्र से हरसम्भव मदद का भरोसा दिया। सीएम तीरथ रावत ने वनाग्नि को घटनाओं को लेकर जिला प्रशासन, वन विभाग के अधिकारियों के साथ रविवार की दोपहर वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग बैठक बुलाई है।

 


पौड़ी के डीएफओ के एस रावत के मुताबिक उनके विभाग द्वारा तमाम कोशिशों वनाग्नि को रोकने के लिए की जा रही है । उत्तराखंड के मशहूर शिकारी जॉय हुकिल कहना है कि लगातार जलते इन जंगलों के कारण जंगली जानवरों के अंदर भी आक्रोश बढ़ेगा उन्होंने बताया कि पहले ही गुलदारों के लिए जंगलों में भोजन की बहुत कमी है मगर जंगली जानवरों के आग में जल जाने के बाद इनके ऊपर भोजन का संकट उत्पन्न हो जाएगा जिसके बाद ये बस्तियों के रुख आपने भोजन के लिए करेंगे और ये ज्यादा हिंसक हो जाएंगे ।
कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने कहा कि वन विभाग के साथ बैठकर तमाम दिशानिर्देश वन विभाग को दिए गए हैं उन्होंने कहा कि लगातार जल रहे जंगलों को जन सहभागिता के साथ ही रोका जा सकता है उन्होंने सभी आम जनों से आह्वान किया कि वे वन विभाग के साथ सहयोग करें।
वन विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक नैनीताल, अल्मोड़ा, टिहरी और पौड़ी में विकराल रूप अख्तियार कर लिया है। विभाग ने प्रदेश में 40 स्थानों में एक्टिव फायर की बात स्वीकार की है।

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