उर्से रजवी विवाद : दरगाह आला हजरत प्रमुख सुब्हानी मियां ने पुलिस को जुमे तक का अल्टीमेटम दिया

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Urse Razvi Ala Hazrat 
उर्स के दिन विवाद मामले में जेल भेजे गए मौलाना दानिश के घर पहुंची दरगाह आला हजरत की टीम.

द लीडर : आला हजरत के उर्से रजवी में पुलिस और जायरीन के बीच हुए विवाद मामले में दरगाह के प्रमुख जिम्मेदार अड़ गए हैं. दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां ने पुलिस-प्रशासन के उच्चाधिकारियों से बात की. और जुमा यानी शुक्रवार तक का अल्टीमेटम दिया है. इस मांग के साथ कि जेल भेजे गए मौलाना दानिश को रिहा किया जाए. जायरीन पर दर्ज केस वापस लें. और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करें. ऐसा न हुआ तो दरगाह प्रबंधन आगे की अपनी रणनीति तय करेगा. (Urse Razvi Ala Hazrat )

 

दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां ने कहा कि, उर्स में आए जायरीन को जगह-जगह बैरियर लगाकर रोकना और मेहमानों पर लाठियां बरसाना. नाकाबिले बर्दाश्त है. एक रणनीति के तहत जायरीन को शहामतगंज चौराहे पर रोका गया. जबकि इस्लामियां मैदान खाली पड़ा था.

सुब्हानी मियां का आरोप है कि सीओ थर्ड के निर्देश पर बारादरी इंस्पेक्टर और शहामतगंज इंचार्ज ने जायरीन पर लाठियां भंजी. कई मेहमान घायल हुए. इसको लेकर देश-दुनिया के अकीदतमंदों में आक्रोश है.

अगर जुमे तक मौलाना दानिश को नहीं छोड़ा जाता है. और मुकदसे वापस नहीं हुए या दोषी पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई न की गई तो फिर दरगाह अपनी रणनीति बनाएगी.

 

मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां के निर्देश पर टीटीएस का एक प्रतिनिधि मंडल पुराना शहर स्थित मौलाना दानिश के घर गया. उनके परिवार को भरपूर मदद का भरोसा दिलाया है. दरगाह से स्पष्ट किया गया है कि किसी भी जायरीन के साथ नाइंसाफी नहीं होने दी जाएगी.

उर्स में आने वाले आला हजरत के मेहमान थे. जब-जब शहर वालों को दरगाह की जरूरत पेश आई. दरगाह साथ रही. हमेशा खड़ी रहेगी. इस दौरान परवेज नूरी, शाहिद खान नूरी, हाजी जावेद खान, औरंगजेब नूरी, ताहिर अल्वी, आजम तहसीनी, हाजी शारिक नूरी, तारिक सईद आदि रहे.

दरगाह की चेतावनी के बीच सामाजिक और धार्मिक संगठन भी समर्थन में आ गए हैं. मुंबई की रजा एकेडमी के अध्यक्ष सईद नूरी ने कहा कि जरूरत पड़ने पर उलमा जेल भरेंगे. वहीं, तहरीक-ए-फरोग इस्लामी के महासचिव मुफ्ती आमिर आरफीन रजवी ने कहा कि दरगाह के प्रमुख जिम्मेदार इस मामले को हल कर रहे हैं. उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो दरगाह का जो ऐलान होगा, उस पर संगठन के जरिये देशभर में अमल किया जाएगा.

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