
द लीडर हिंदी : सोमवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है. सत्र की शुरूआत होते ही संसद में नीट का मुद्दा गरमा गया. विपक्ष ने सरकार को इस मुद्दे पर खूब घेरा. नीट परीक्षा में कथित गड़बड़ी को लेकर हंगामा हुआ है. प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अखिलेश यादव भी बोले, जिनके सवालों का जवाब देने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मौजूद थे.कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नीट परीक्षा में कथित धांधली पर कहा कि लाखों बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है और भारत की परीक्षा व्यवस्था में गड़बड़ी है.उन्होंने कहा कि न सिर्फ़ नीट बल्कि सभी बड़ी परीक्षाओं में बेहद गंभीर समस्याएं हैं.राहुल गांधी ने धर्मेंद्र प्रधान पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने ख़ुद को दोषी ठहराने की जगह हर किसी को दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा कि उन्हें तो यह भी लगता है कि यहां जो कुछ हो रहा है उसके मूल तत्वों को शिक्षा मंत्री भी समझते हैं या नहीं.राहुल गांधी ने कहा कि ये लाखों बच्चों के भविष्य का सवाल है और पैसे के बल पर परीक्षा का सौदा संभव है.

इस पर धर्मेंद्र प्रधान ने प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि पूरी परीक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाना ग़लत है.इस दौरान सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि ये सरकार कोई रिकॉर्ड बनाए या नहीं.लेकिन ये सरकार पेपर लीक का रिकॉर्ड जरूर बनाएंगी.विपक्ष के नेता के इस बयान की केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने निंदा की. उन्होंने शिक्षा सुधार के लिए 2010 में कांग्रेस सरकार की तरफ से लाए गए बिल को लेकर पलटवार किया.धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मैं देश की परीक्षा प्रणाली को बकवास कहने की निंदा करता हूं. जिन्होंने रिमोट से सरकार चलाई है. 2010 में कांग्रेस सरकार में शिक्षा मंत्री कपिल सिब्बल शिक्षा सुधार को लेकर तीन बिल लाए थे. जिसमें उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुचित प्रथाओं जैसे कैपिटेशन शुल्क की मांग करना, योग्यता बिना छात्रों को प्रवेश देना, शुल्क की रसीद जारी न करना, छात्रों को गुमराह करने से रोकना शामिल था. तो किसके दबाव में कांग्रेस सरकार और नेता विपक्ष ने बिल लागू नहीं होने दिया और हमसे सवाल पूछते हैं.