द लीडर : यूक्रेन के ख़िलाफ रूस के ऐलान-ए-जंग से दुनिया हैरान है. रूस लगातार दूसरे दिन यूक्रेन पर हमलावर है. उसके सैन्य ठिकानों और सिविलियन इलाक़ों में बमबारी कर रहा है. इस मानवीय तबाही के ख़िलाफ बेशक अमेरिका जैसे ताक़तवर देश केवल घुड़की तक ही ठिठक कर रह गए हों. लेकिन रूस के आम लोग ख़ामोश नहीं है. कभी अपने ही जिगर का टुकड़ा रहे यूक्रेन की चीखों से रूसियों के दिल तड़पने लगे. और हज़ारों रूसी नागिकर नो-वार की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं. (Ukraine Russia War Protest)
रूस की राजधानी मास्को से लेकर कई हिस्सों में राष्ट्रपति पुतिन के ख़िलाफ प्रदर्शन जारी है. जिसमें महिलाएं, बच्चे और नौजवान-सब शामिल हैं. एक ही आवाज़ गूंज रही है-यूक्रेन के ख़िलाफ जंग रोकी जाए. हालांकि रूस अपने क़दम रोकने को तैयार नहीं है. इसलिए स्थानीय पुलिस प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ सख़्ती से पेश आ रही है. कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार भी किया गया है.
लेकिन यूक्रेन के ख़िलाफ जंग के दूसरे दिन जिस तादाद में रूस के आम लोग सड़कों पर हैं. वो राष्ट्रपति पुतिन के लिए चिंताजनक ज़रूर है. माना जा रहा है कि इससे रूस में आंतरिक सुरक्षा का संकट पैदा हो सकता है. ऐसा हुआ तो पुतिन को मुंह की खानी पड़ेगी. बहरहाल, अभी मांग यही है कि जंग रोका जाए. (Ukraine Russia War Protest)
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दूसरी तरफ यूक्रेन से जो तस्सीरें आ रही हैं. वो ख़ौफनाक और हिला देने वाली हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति के इस ऐलान के बाद कि जो भी हथियर उठाने में सक्षम में हैं. वे सेनाओं के साथ मिलकर लड़ें. इस पर आम लोग अपने परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेज रहे हैं. बच्चों की विदाई के वक़्त फूटकर रो रहे हैं. और रूस की जंग के ख़िलाफ यूक्रेन की लड़ाई में शामिल हो रहे हैं. ये तस्वीरें पूरी दुनिया को झकझोर रही हैं. और यूक्रेन के प्रति अपनी संवेदना जता रही हैं.
रूस ने नाटो का दबाव नज़रंदाज करके ही ये जंग छेड़ी है. लेकिन कई देश ऐसे भी हैं जो उसकी इस शर्मनाक हरक़त के ख़िलाफ कड़े प्रतिबंध लगाने लगे हैं. इसमें कनाडा भी शामिल है.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 58 इंडिविजुअल के साथ बैंकों पर भी प्रतिबंध का ऐलान किया है. ट्रूडो ने कहा कि कनाडा ने रूस के सिक्योरिटी काउंसिल के सदस्यों पर प्रतिबंध लगाया है. जिसमें रक्षामंत्री, वित्तमंत्री और न्यायमंत्री भी शामिल हैं. (Ukraine Russia War Protest)
यूक्रेन की आम जनता हो या सरकार, दुनिया के शक्तिशाली देशों की तरफ देख रही है. और उनसे मदद की चाहत रखती है, कि वो इस जंग से उन्हें बचा लें. इस बीच पुतिन ने ऐलान किया है कि यूक्रेन की सेना आत्मसर्पण कर दे. वरना उन्हें खामियाजा भुगतना होगा. और इसकी ज़िम्मेदार वही होंगे.