आज देश को मिलेगा अपना 15वां राष्ट्रपति : मतगणना जारी, NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग तय

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द लीडर। आज भारत देश के लिए बहुत बड़ा दिन है। क्योंकि आज देश को अपना 15वां राष्ट्रपति मिल जाएगा। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर वोटों की गिनती यानि मतगणना शुरू हो गई है। वहीं राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को वोटिंग हुई है। देश में राष्ट्रपति पद के दो उम्मीदवार है। एक तो एनडीन उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और दूसरे विपक्ष के यशवंत सिन्हा।

फिलहाल एनडीन उम्मीदवार की इस चुनाव में जीत की संभावना जताई जा रही है। अगर द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करती हैं तो वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बन जाएंगी। इसके साथ ही वह देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी।

पीएम मोदी द्रौपदी मुर्मू से करेंगे मुलाकात

देश में नए राष्ट्रपति 25 जुलाई को शपथ लेंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सुबह 11 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो गई है। वहीं दोपहर करीब 2.30 बजे पीएम मोदी एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करने पहुंचेंगे।


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बीजेपी दफ्तर में जुलूस की तैयारियां शुरू

भाजपा कार्यकर्ता राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू की जीत को लेकर आश्वस्त है। पार्टी ने विजय जुलूस की भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इतना ही नहीं द्रौपदी मुर्मू की जीत के बाद जेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 3 किलोमीटर लंबा रोड शो करेंगे। इस कार्यक्रम में कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल होंगे।

प्रतिभा देवीसिंह पाटिल थी पहली महिला राष्ट्रपति

बता दें कि, आज से 15 साल पहले देश को पहली महिला राष्ट्रपति मिली थी। प्रतिभा देवीसिंह पाटिल के रूप में पहली महिला राष्ट्रपति देश को मिलीं थीं। 21 जुलाई 2007 को हुई राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना में प्रतिभा देवीसिंह पाटिल विजयी रहीं थी। प्रतिभा देवीसिंह पाटिल देश की 12वीं राष्ट्रपति बनीं और 2007-2012 तक अपना कार्यकाल पूरा किया। वह देश का यह सर्वोच्च संवैधानिक पद ग्रहण करने वाली पहली महिला थीं।

द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग तय

राष्ट्रपति चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी राज्य सभा के सचिव जनरल पी.सी. मोदी मतगणना की निगरानी कर रहे हैं। आज शाम तक चुनाव परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। झारखंड की पूर्व राज्यपाल और एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को 44 पार्टियों ने समर्थन किया था तो वहीं विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 34 पार्टियों से समर्थन मिला था। हालांकि इस चुनाव में क्रॉस वोटिंग की भी बात सामने आई थी लेकिन आज जब नतीजे सामने आएंगे तो देश का राष्ट्रपति कौन होगा इस बात पर भी मुहर लग जाएगी।

द्रौपदी मुर्मू के पैतृक गांव में जश्न की तैयारी

बताया जा रहा है कि, राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को काफी वोट मिले हैं। जिसको लेकर उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है। अगर द्रौपदी मुर्मू जीत जाती हैं तो वह देश की दूसरी महिला और पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी। उधर, द्रौपदी मुर्मू के पैतृक स्थान ओडिशा के रायरंगपुर में तो जश्न की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं।

नतीजे आने के बाद मिठाइयां बांटी जाएंगी। रायरंगपुर में लड्डू बनने शुरू हो गए हैं। इतना ही नहीं जीत के बाद विजय जुलूस भी निकालने की तैयारियां की गई हैं। स्थानीय बीजेपी नेता तपन महांता ने बताया कि 20000 लड्डू बनाए जा रहे हैं। 100 बैनर भी बनाए गए हैं।

कौन हैं NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ?

द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 में ओडिशा के मयूरभंज जिले के एक आदिवासी परिवार में हुआ था। द्रौपदी मुर्मू एक भारतीय महिला राजनेत्री हैं। भारत के सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने भारत के अगले राष्ट्रपति के लिये उनको अपना प्रत्याशी घोषित किया हैं।

इसके पहले 2015 से 2021 तक वह झारखण्ड की राज्यपाल थीं। द्रौपदी मुर्मू ने एक अध्यापिका के रूप में अपना व्यावसायिक जीवन आरम्भ किया। उसके बाद धीरे-धीरे राजनीति में आ गयीं। द्रौपदी मुर्मू उड़ीसा की आदिवासी महिला नेता हैं और झारखंड की गवर्नर रह चुकी हैं।

द्रौपदी मुर्मू की शिक्षा और राजनीतिक करियर

द्रौपदी ने अपने गृह जिले से शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद भुवनेश्वर के रामादेवी महिला महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी होने के बाद एक शिक्षक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की और कुछ समय तक इस क्षेत्र में काम किया। द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ, जिससे उनके दो बेटे और एक बेटी हुई।

दुर्भाग्यवश दोनों बेटों और उनके पति तीनों की अलग-अलग समय पर अकाल मृत्यु हो गयी। उनकी पुत्री विवाहिता हैं और भुवनेश्वर में रहतीं हैं। बच्चों और पति का साथ छूटना द्रौपदी मुर्मू के लिए कठिन दौर था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और समाज के लिए कुछ करने के लिए राजनीति में कदम रखा।

द्रौपदी मुर्मू ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत ओडिशी से भाजपा के साथ ही की। भाजपा ज्वाइन करने के बाद उन्होंने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में हिस्सा लिया और जीत दर्ज कराई। भाजपा ने मुर्मू को पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा का उपाध्यक्ष बना दिया। इसके बाद ओडिशा में भाजपा और बीजू जनता दल की गठबंधन की सरकार में साल 2000 से 2002 कर वह वाणिज्य और परिवहन स्वतंत्र प्रभार मंत्री रहीं।

साल 2002 से 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री के तौर पर काम किया। उन्होंने ओडिशा के रायगंज विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव भी जीता। बाद में साल 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल भी नियुक्त हुईं। वह राज्य की पहली महिला गवर्नर बनीं।

कौन हैं विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ?

राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार पूर्व टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा है। यशवंत सिन्हा दो बार केंद्रीय वित्त मंत्री रह चुके हैं। पहली बार वह 990 में चंद्रशेखर की सरकार में और फिर अटल बिहारी वाजपेयी नीत सरकार में वित्त मंत्री थे। वह वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्री भी रहे।

पटना में 6 नवंबर 4937 को जन्में यशवंत सिन्हा की पढ़ाई राजधानी में ही हुई। 958 में राजनीति शास्त्र में मास्टर डिग्री लेने के बाद पटना विश्वविद्यालय से 4960 तक बतौर शिक्षक काम किया। इस दौरान उनकी प्रशासनिक सेवा की तैयारी जारी रही। 960 में उनका चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा में हुआ और 24 साल तक उन्होंने प्रशासनिक सेवा में अपना योगदान दिया। इस दौरान वह कई अहम पदों पर काबिज हुए।

उन्होंने बिहार सरकार के वित्त मंत्रालय में दो साल तक सचिव और उप-सचिव के तौर पर काम किया। इसके बाद भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के उप-सचिव पद के लिए नियुक्ति की गई। इतना ही नहीं उन्होंने भारतीय दूतावास में अहम जिम्मेदारी संभाली। 4974 से 4974 तक यशवंत सिन्हा बोन, जर्मनी में भारतीय दूतावास के पहले सचिव नियुक्त किए गए।


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