मध्य प्रदेश का टाइगर स्टेट का ताज बरकरार, ‘जंगल के राजा’ की संख्या बढ़कर हुई 785; क्या है अन्य राज्यों का हाल?

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भोपाल : भारत समेत पूरा विश्व आज अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मना रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने देशभर में बाघों की कितनी संख्या है? इसको लेकर एक डेटा जारी किया है। इस डेटा के मुताबिक, मध्य प्रदेश में इस बार भी बाघों की संख्या सबसे ज्यादा हैं। इसी के साथ ही मध्य प्रदेश के सिर पर टाइगर स्टेट का ताज बरकरार है। आंकड़ों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 785 बाघ हैं, जो कि पिछले आंकड़ों से 259 ज्यादा हैं। मध्य प्रदेश में साल 2020 के बाद 259 बाघ बढ़े हैं, जबकि दूसरे और तीसरे नंबर पर कर्नाटक (563) और उत्तराखंड (560) है।

मध्य प्रदेश न सिर्फ बाघों की संख्या के मामले में आगे रहा है, बल्कि सबसे ज्यादा बाघों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। केंद्र सरकार ने 2006 से लेकर 2022 तक के बाघों के आंकड़े जारी किए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 485 बाघ बढ़े हैं, जहां 2006 में प्रदेश में 300 बाघ थे तो वहीं 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 785 तक पहुंच गया।

  • कर्नाटक: बाघों की संख्या के मामले में कर्नाटक को दूसरा स्थान मिला है। यहां 563 बाघ मौजूद हैं। हालांकि, बाघों की संख्या बढ़ने के मामले में यह तीसरे स्थान पर रहा है। 2006 के मुकाबले यहां 273 बाघ बढ़े हैं।
  • उत्तराखंड: बाघो की संख्या के लिहाज से तीसरे स्थान पर रहा, लेकिन बाघों की संख्या बढ़ने के मामले में उत्तराखंड दूसरे नंबर पर है। यहां 2006 से अबतक 384 बाघ बढ़े हैं।
  • महाराष्ट्र: महाराष्ट्र बाघों की संख्या और बाघ बढ़ने के मामले में चौथे पायदान पर है। यहां 444 बाघ हैं, जबकि 2006 में यहां 103 बाघ थे। महाराष्ट में 341 बाघ बढ़े हैं।
  • तमिलनाडु: तमिलनाडु 306 बाघों के साथ पांचवे नंबर पर रहा है, यहां 306 बाघ हैं। 2006 में राज्य में सिर्फ 76 बाघ थे। बीते 16 सालों में यहां 230 बाघ बढ़े हैं।
टाइगर रिजर्व बाघों की संख्या
जिम कॉर्बेट 260
बांदीपुर 150
नागरहोल 141
बांधवगढ़ 135
दुधवा 135
मुदुमलाई 114
कान्हा 105
काजीरंगा 104
सुंदरबन 100
ताडोबा 97
सत्यमंगलम 85