बिहार : अप्रैल-मई की ओर नजर दौड़ाइए. कैसे हालात थे. अस्पतालों में बिस्तर पाने को लेकर मारामारी मची थी. मरीज दर-बदर भटक रहे थे. ऑक्सीजन की किल्लत तो इलाज न मिलने से मौतों का सिलसिला बना था. ऐसे वक्त में दरभंगा के अलापट्टी के डॉ. जाकिर हुसैन टीचर ट्रेंनिंग कॉलेज में एक अस्थायी कोविड केयर-रिकवरी सेंटर ने मरीजों की थमती सांस और टूटती आस में दम भर दिया. पिछले करीब एक महीनें में यहां से सैकड़ों मरीज स्वस्थ होकर घरों को लौट चुके हैं. इलाज के खर्च के तौर पर वे दुआओं का नजराना देकर जा रहे हैं.
दरभंगा ही नहीं बल्कि बिहार का ये अनोखा कोविड सेंटर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और कांग्रेस नेता मशकूर उस्मानी की कोशिशों का नतीजा है. जिसे उन्होंने अपने डॉक्टर दोस्तों, छात्रों और अन्य साथियों की मदद से प्रारंभ किया. सबसे अच्छी बात ये है कि यहां कई ऐसे मरीज स्वस्थ हुए हैं, जो 70 की उम्र पार कर चुके थे.
इस सेंटर पर आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन कंसट्रेटर और ऑक्सीजन सिलेंडर का पर्याप्त बंदोवस्त है. लेकिन इलाज निश्शुल्क है. इसके बदले में अगर कुछ लिया जा रहा है, तो सिर्फ दुआएं हैं. आपदा की इस घड़ी में जब, असंख्यक लोग एक-एक सांस के लिए तड़प रहे थे.
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उस वक्त कुछ ऐसे भी लोग थे जो ऑक्सीजन की कालाबाजारी करके दौलत समेटने में मस्त थे. बड़े-बड़े अस्पतालों में 10-10 लाख का बिल बनाया जा रहा था. तब यूनाइटेड फॉर चेंज का ये कोविड सेंटर इंसान और इंसानियत दोनों को बचाने में जी-जान से जुटा था.
डॉ. उस्मानी बताते हैं कि मेरे लिए ये बेहद खुशी की बात है कि यहां 70 साल के बुजुर्ग तक स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं. इस मुश्किल वक्त में लोगों की सेवा करना हमारा फर्ज है और हम उसे निभाने की कोशिश में लगे हैं.
ये सब यूनाइटेड फॉर चेंज के 20 से ज्यादा सदस्यों की मदद से संभव हो पा रहा है, जो 24 घंटे मरीजों की सेवा में लगे रहे हैं. इसमें वरिष्ठ चिकित्सक भी हैं. एक ओपीडी भी संचालित है, जो सुबह नौ बजे से ही शुरू हो जाती है.
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सेंटर संचालित करने वालों में अदील आज़म, दानिश जमाल, शादाब अख्तर, लोकेश, असजद, दीपक, रिज़वान, त्रिपुरारि, शिवम झा शामिल हैं. डॉ. उस्मानी ने इस नेक काम के लिए डॉ. यूसुफ फैसल और डॉ. तारिक का खास धन्यवाद किया है, जो सेंटर को अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
बता दें कि डॉ. उस्मानी कांग्रेस के नेता हैं. और वे पिछले विधानसभा चुनाव में वह महागठबंधन के टिकट पर जाले विधानसभा से मैदान में थे. वह बताते हैं कि मिथिलांचल की सेवा मेरा करना मेरा कर्तव्य है. शहरी और ग्रामीण अंचलों में लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिलें. अच्छी शिक्षा का बंदोवस्त हो. हमारी ये कोशिश लगातार जारी रहेगी.