द लीडर हिंदी : देश में इनदिनों नुकसान के बादल मंडरा रहे है. 2024 लोकसभा चुनाव सिर पर है. दिल्ली में किसानों ने संग्रम छेड़ दिया है. जहां एक तरफ पीएम मोदी अबू धाबी में दोस्ती पक्की कर रहे है. तो वही दूसरी तरफ दुनिया भर में इस्लामी तालीम के लिए विख्यात दारुल उलूम ने लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया.
दारुल उलूम के उलमा किसी भी राजनीतिक दल के नेता का इस्तकबाल (स्वागत) नहीं करेंगे और न ही किसी नेता से मुलाकात की जाएगी. बता दें अभी लोकसभा चुनाव की तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन सियासत गरमा गई है. सभी दल अलग-अलग वर्ग के मतदाताओं को साधने के लिए हर हथकंडे अपना रहे हैं.
इस्लामी तालीम के लिए मशहूर देवबंद के दारुल उलूम से भी करोड़ों की संख्या में मुसलमान जुड़े हुए हैं, जो दारुल उलूम की तरफ से जारी किए गए हर फैसले का दिल से सम्मान करते हैं. और इसे मानते भी इसलिए अक्सर चुनाव के समय में नेता दारुल उलूम के चक्कर लगाने शुरू कर देते हैं.
दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नौमानी ने एक न्यूज पेपर से इंटरव्यू के दौरान स्पष्ट किया कि किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं किया जाएगा. कुछ साल पहले एक पार्टी के मुखिया यहां पर आए थे. उनके साथ आए स्थानीय नेता ने पूर्व मोहतमिम का हाथ पार्टी मुखिया के सिर पर रखवा दिया था, जिसका बाहर जाकर गलत प्रचार किया गया. इस वजह से यह फैसला लिया है.
चुनाव के मद्देनजर दारुल उलूम ने ये बड़ा फैसला लिया है. चुनाव सिर पर है और इस तरह का ऐलान चुनावी दलों को काफी नुकसान पहुंचा सकता है. क्योकि मतदान में मुस्लिम वोट काफी अहम भूमिका रखता है. लोकसभा चुनाव तक दारुल उलूम में नेताओं का स्वागत नहीं के साथ फोटो पर भी रोक लगाई है.जहां सभी पाटियां इनदिनों 2024 चुनाव की तैयारियों में जुटी है तो वही दूसरी तरफ इस तरह के बयान बड़ा नुकसान पैदा कर सकते है.