बारिश में ये जलभराव के नज़ारे…स्मार्ट सिटी बरेली से बहेड़ी तक

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द लीडर हिंदी : यूपी के ज़िला बरेली में बरसात झमाझम हो रही है. ठंडी-ठंडी फुहारें मज़ा दे रहीं हैं.तो जलभराव सज़ा बन रहा है. सड़कों के बाद अब गंदा पानी घरों में घुस रहा है. पुराना शहर से लेकर क़िला और कुछ कॉलोनियों में भी यही हाल है. बरेली को पड़ोसी ज़िले रामपुर से जोड़ने वाले सिटी स्टेशन से श्मशान भूमि रेलवे क्रासिंग मार्ग और क़िला पुल के नीचे तक पानी भर रहा है. यहां टक्कर की पुलिया से दरगाह आला हज़रत तक मार्ग जलभराव के लिए कुख्यात है. बारिश के बाद घंटों यह मुख्य मार्ग बंद हो जाता है. तब लोग घरों में क़ैद रहते हैं. न बच्चे स्कूल और अगर कोई गंभीर बीमार पड़ जाए तो उसे गाड़ी या एंबूलेस के बजाय हाथों पर अस्पताल ले जाना पड़ता है. पहले आप बरेली स्मार्ट सिटी में जलभराव के नज़ारे देखिए, फिर आपको बहेड़ी ले चलेंगे, जो सांसद छत्रपाल सिंह का क़स्बा है.

बहेड़ी में मुख्य पर मार्ग पर कुछ लोग लग्जरी कार को बहने से बचाने की कोशिश कर रहे हैं. दरअसल, दिक़्क़त इस बार इसलिए बढ़ गई है कि मई-जून तक लोकसभा चुनाव चले. मशीनरी चुनाव में लगी रही. नालों की सफाई पर ज़िम्मेदारों का ध्यान चुनाव बाद गया. तब तक मानसून आ गया और मौसम भीगा-भीगा हो गया. बादल भी जमकर बरस रहे हैं. रिकॉर्ड टूट रहे हैं. बाशिंदे कामकाज के लिए निकलने से तो गुरेज़ कर रहे हैं लेकिन बहुत सी जगहों पर घरों में भी रहना मुश्किल हो गया है, क्योंकि गंदा पानी वहां भी घुस रहा है. ऊपर से बिजली बारिश में घंटों के लिए नदारद हो रही है. सिविल लाइंस जहां बिजली बहुत कम जाती थी. सर्किट हाउस के आसपास आला अफसरों के आवास हैं, वहां पिछले दो दिन से बिजली रात में जाती है, सुबह 10 बजे के बाद आ रही है. यही हाल क़िला फीडर से जुड़े इलाक़े और पुराना शहर में चक महमूद वग़ैरा का है. इन हालात में परेशानी स्वाभाविक है. इससे छुटकारा मिल पाएगा, कहना मुश्किल है, क्योंकि नगर निगम अफसरों के स्तर से समाधान की दिशा में क़दम उठते दिख नहीं रहे हैं.